सागर।हिन्दू संस्कृति में नवरात्रि में जवारे बोए जाते हैं देवी पूजा में इनका बड़ा महत्व है, रामनवमी के बाद इनकी पूजा अर्चना कर विसर्जन किया जाता है. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में विसर्जन की समस्या भक्तों के सामने आई.
जवारे लेने प्रशासन पुहंचा घर-घर, तालाब के किनारे किया विसर्जन
हिन्दू संस्कृति में नवरात्रि में जवारे बोए जाते हैं, देवी पूजा में इनका बड़ा महत्व है, रामनवमी के बाद इनकी पूजा अर्चना के बाद विसर्जन होता है.
नगर निगम ने शहर में वाहनों से घरों और मंदिर से जवारों को इकठ्ठा किया. इसके बाद ट्रैक्टर ट्रॉलियों से चकराघाट तालाब पर लाए. यहां गायत्री परिवार ने विधि विधान से इनका विसर्जन किया. सुबह नगर निगम प्रशासन ने तालाब का व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया.
गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से जवारे विसर्जन की अनुमति नहीं मिलने से एक बहुत बड़ा धर्मसंकट उत्पन्न हो रहा था. लेकिन प्रशाशन और गायत्री परिवार की सूझ बूझ से घरों तक और मंदिरों से जवारे एकत्रित किये गए और सोशल डिस्टेंस के साथ विधिविधान से जवारों का विसर्जन किया गया.