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यूक्रेन में फंसे एमपी के 70 % छात्रों की हो चुकी है घर वापसी, बताया अपना दर्द

शुक्रवार को सागर और ग्वालियर के कई छात्र पहुंचे. यूक्रेन से आए छात्रों ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया. इसके साथ ही उन्होंने यूक्रेन के हालातों के बारे में भी बताया.

Students of Sagar and Gwalior
सागर और ग्वालियर के छात्र

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Published : Mar 4, 2022, 5:39 PM IST

सागर/ग्वालियर/भिंड। यूक्रेन में फंसे छात्रों का अब भारत आना शुरू हो गया है. भारत सरकार हर संभव मदद पहुंचवाकर छात्रों को बाहर निकाल रही है. ऐसे में शुक्रवार को सागर और ग्वालियर के कई छात्र पहुंचे. यूक्रेन से आए छात्रों ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया. इसके साथ ही उन्होंने यूक्रेन के हालातों के बारे में भी बताया. (student struck in ukraine)

सागर शाश्वत जैन ने बताये यूक्रेन के हालात

सागरः वेदांश ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
यूक्रेन में सागर जिले के भी तीन छात्र फंस गए थे. इनमें से सागर के वेदांश खरे और बीना के शाश्वत जैन अपने घर सकुशल पहुंच गए हैं. वहीं गढ़ाकोटा के रहने वाले अक्षय पटेल आज अपने घर पहुंच जाएंगे. यूक्रेन से हंगरी होते हुए अपने घर बीना पहुंचे शाश्वत जैन ने बताया कि हंगरी बॉर्डर तक पहुंचने के लिए हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. हंगरी में पहुंचने के बाद भारतीय दूतावास ने हमारा पूरा ख्याल रखा और हमें दिल्ली तक भेजा. शाश्वत जैन का कहना है कि मैं घर पर आकर बहुत खुश हूं. मैं प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित जिला अधिकारियों सहित स्थानीय अधिकारियों का धन्यवाद देता हूं. आशा करता हूं कि बाकी सभी छात्र सकुशल अपने वतन वापसी करेंगे. (sagar student came india from ukraine)

यूक्रेन से वापस आए ग्वालियर के मानिक विलास

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ग्वालियरः मानिक ने बताया कैसे गुजारे दिन
यूक्रेन के लवीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे ग्वालियर के मानिक विलास कॉलोनी के रहने वाले शांतनु भी देर रात ग्वालियर पहुंचे हैं. उनके सकुशल घर पहुंचने पर परिवार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा स्वागत किया गया. शांतनु यूक्रेन के लवीव शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. युद्ध शुरू होने के बाद वह पोलेंड के माध्यम से भारत आने के लिए लवीव से निकले थे, लेकिन उन्हें 4 दिन तक पोलैंड बॉर्डर पर ही रुकना पड़ा. बीती रात शांतनु जब अपने घर पहुंची तो उनके चेहरे पर युद्ध का डर दिखाई दे रहा था. शांतनु ने बताया कि उसने 4 दिन तक बिना खाए पिए गुजारे. शांतनु के घर पहुंचते ही उनके परिवार जन के साथ साथ पड़ोसी और स्थानीय विधायक स्वागत करने के लिए पहुंचे. (gwalior student thanks government for help)

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