मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

400 साल पुराना शिव मंदिर: अद्भूत है इससे जुड़ी कहानी

बुंदेलखंड में 400 साल पुराना शिव मंदिर स्थापित है, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. इससे जुड़ी कहानी भी अद्भूत है. पढ़िए पूरी खबर..

400-years-old-shiva-temple
400 साल पुराना शिव मंदिर

By

Published : Mar 10, 2021, 10:44 PM IST

सागर। महाशिवरात्रि के पर्व पर श्रद्धालु भगवान शिव की आराधना में व्यस्त हैं. देश में भगवान शिव के कई अति प्राचीन मंदिर हैं, जिनका अपना इतिहास और वैभव है. इसी कड़ी में सागर-रहली मार्ग पर स्थित पटनेश्वर धाम की भी अपनी कहानी और अपना इतिहास है. यहां के इतिहास और भक्तों की कहानी इस मंदिर को अपने आप में अनूठा बनाती हैं. करीब 400 साल पुराने इस मंदिर का निर्माण सागर के तत्कालीन राजा की पत्नी लक्ष्मी बाई खेर ने कराया था.

रानी लक्ष्मीबाई खेर ने कराया था पटनेश्वर मंदिर का निर्माण
सागर-रहली मार्ग पर ढाना के नजदीक पटना गांव में बने ऐतिहासिक शिव मंदिर को पटनेश्वर धाम कहा जाता है. इस मंदिर का निर्माण 1631 ईसवी में तत्कालीन मराठा रानी लक्ष्मीबाई खेर ने कराया था. लक्ष्मीबाई खेर सागर के राजा की रानी थी. वह काफी धार्मिक थी. उन्होंने सागर और आसपास के इलाकों में कई मंदिरों का निर्माण कराया था. लक्ष्मीबाई खेर अक्सर रेहली जाया करती थी और जाते समय उनका पड़ाव पटना गांव में पढ़ता था, यहां पर उन्होंने शिव मंदिर का निर्माण कराया था. गांव का नाम पटना होने के कारण मंदिर पटनेश्वर धाम कहलाने लगा.

400 साल पुराना शिव मंदिर
अंग्रेजी फौज के सिपाही राम राम थेपटनेश्वरी स्थित भगवान शिव के परम भक्त अंग्रेजी फौज के सिपाही राम राम थे. कहा जाता है कि राम राम मंदिर परिसर में ही रहते थे और नियमित रूप से भगवान शिव की आराधना करते थे. एक दिन राम राम भगवान शिव की भक्ति में इतने लीन हो गए कि वह ड्यूटी पर नहीं जा पाए. दूसरे दिन जब अपनी ड्यूटी पर पहुंचे, तो उन्होंने अंग्रेज अफसर को बताया कि वह कल नहीं आए थे. इसलिए उनकी गैर हाजिरी कर दी जाए, लेकिन अंग्रेज अफसर ने बताया कि कल वह ड्यूटी पर आए थे और बाकायदा हाजिरी रजिस्टर पर उनकी हाजिरी भी है. भक्त राम राम ने इसे भगवान का चमत्कार माना और फिर वह सब कुछ छोड़ कर पटनेश्वर धाम के भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गए.बसंत पंचमी और शिवरात्रि को भरता है विशाल मेलापटनेश्वर धाम स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है. यहां बसंत पंचमी और महाशिवरात्रि के मौके पर विशाल मेले का आयोजन होता है. बुंदेलखंड के हजारों लोग यहां भगवान शिव के दर्शन और अभिषेक करने पहुंचते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details