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एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट का पीएम करेंगे लोकार्पण, 4500 करोड़ आया खर्च

एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट बनकर तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पावर प्लांट का उद्घाटन करेंगे. जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित गुढ़ के बदवार पहाड़ में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट बनाया गया है.

Largest power plant
सबसे बड़े पावर प्लांट

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Published : Jul 7, 2020, 4:48 PM IST

Updated : Jul 7, 2020, 8:32 PM IST

रीवा।मध्यप्रदेश की विंध्यनगरी रीवा में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट बनकर तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पावर प्लांट का उद्घाटन करेंगे. जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित गुढ़ के बदवार पहाड़ में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट बनाया गया है, इस पावर प्लांट की बिजली उत्पादन क्षमता 750 मेगावाट है. पीएम मोदी के द्वारा उद्घाटन करने को लेकर तैयारियां कर ली गई है.

एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट

एशिया का सबसे बड़ा पावर प्लांट तैयार

750 मेगावाट क्षमता तक बिजली उत्पादन करने वाला एशिया का सबसे पहला सोलर पावर प्लांट रीवा जिले के बदवार पहाड़ियों में स्थापित किया गया है. इस पावर प्लांट के निर्माण कार्य के लिए 2016 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिलान्यास किया था, वहीं अब महज तीन दिन बाद यानि 10 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय उर्जा मंत्री फीता काटकर इसका लोकार्पण करेंगे.

पीएम मोदी और शिवराज सिंह होंगे शामिल

इधर सोलर परियोजना के लोकार्पण समारोह में भोपाल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव इकबाल सिंह वैस, प्रमुख सचिव संजय दुबे और प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम दीपक सक्सेना शामिल होंगे. परियोजना स्थल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग में सांसद रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा, विधायक रीवा राजेन्द्र शुक्ला, गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह समेत तमाम आला-अधिकारी मौजूद रहेंगे.

जनवरी 2020 से शुरू हो गया था प्लांट

रीवा के गुढ़ में 1590 एकड़ में ये सोलर प्लांट स्थित है. जनवरी 2020 में ही 750 मेगावाट की क्षमता के साथ यह चालू हो गया है, लेकिन पीएम मोदी से टाइम नहीं मिलने की वजह से अब तक इसका लोकार्पण नहीं हो पाया था. अब पीएम मोदी 10 जुलाई को इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड, एमपी उर्जा विकास निगम लिमिटेड और भारत की सौर उर्जा निगम की एक ज्वाइंट वेंचर है.

एशिया की सबसे बड़ी सौर परियोजना में से एक

बता दे कि यह एशिया की सबसे बड़ी सौर परियोजनाओं में से एक है. इस परियोजना के लिए रीवा जिले की गुढ़ तहसील में 1270.13 हेक्टेयर शासकीय राजस्व भूमि और करीब 335.7 हेक्टेयर निजी भूमि उपलब्ध कराई गई है. इस परियोजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश शासन के ऊर्जा विकास निगम और भारत सरकार की संस्था सोल एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया की संयुक्त वेंचर कंपनी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. परियोजना की कुल लागत 4500 करोड़ रूपये बताई जा रही है. खास बात ये है कि ये देश का एकमात्र सोलर पार्क है. बताया ये भी जा रहा है कि इस सोलर पावर प्लांट से दिल्ली की मेट्रो ट्रेन चलाई जाएगी.

तैयार की गई हैं 3 यूनिट

इस पूरे सोलर प्लांट के अंदर सौर उर्जा से बिजली उत्पादन के लिए 3 यूनिट तैयार की गई है. तीनों इकाइयों से 250-250 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. हालांकि जनवरी 2020 से सोलर पावर प्लांट ने अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है.

Last Updated : Jul 7, 2020, 8:32 PM IST

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