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Mauganj Assembly Seat : मऊगंज विधानसभा सीट पर क्या है चुनावी तस्वीर, तीसरे दलों के कारण किसे फायदा, किसे नुकसान

मध्य प्रदेश के रीवा जिले की 6 और मऊगंज जिले की 2 विधानसभा सीटों पर इस बार कड़ा मुकाबला है. पिछली बार बार इन सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार तस्वीर अलग दिख रही है. यहां सभी सीटों पर कांटे का मुकाबला है. इस बार मैदान में सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी भी हैं. इससे बीजेपी को नुकसान होने की चर्चा है. Mauganj Assembly Seat

Mauganj Assembly Seat
मऊगंज विधानभा सीट पर क्या है चुनावी तस्वीर

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 13, 2023, 12:35 PM IST

रीवा।साल 2018 के विधानसभा चुनाव में रीवा और मऊगंज जिले की सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने क्लीन स्वीप करते हुए आठों विधानसभा सीटें जीत ली थीं. इस बार के चुनाव में हालात थोड़े अलग दिख रहे हैं. क्योंकि कांग्रेस के अतिरिक्त बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ ही आम आदमी पार्टी ने भी मैदान में अपने अपने प्रत्याशियों को उतारा है. इन छोटे दलों का मैदान में आना बीजेपी के लिए मुश्किल भरा दिखाई दे रहा है, क्योंकि इन पार्टियों से क्षेत्रीय क्षत्रपों ने भी उम्मीदवारी की है.

मऊगंज में घमासान :मऊगंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा ने एक-एक बार के विधायकों को इस बार चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने 2013 में चुनाव जीतकर सदन पहुंचे सुखेंद्र सिंह बन्ना पर भरोसा जताया है तो वहीं भाजपा ने वर्तमान विधायक प्रदीप पटेल को खड़ा किया है. इसके अलावा यहां पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी उमेश त्रिपाठी भी जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं. क्योंकि उन्होंने भी पिछले कई दिनों से लगातार सामाजिक कार्यों में अपनी सहभागिता दिखाई. मऊगंज विधानसभा सीट पर वर्ष 2018 में जीत हासिल करने वाले भाजपा प्रत्याशी प्रदीप पटेल पहले बीएसपी नेता थे. परंतु 2018 विधानसभा चुनाव के ठीक पूर्व ही बीजेपी में पहुंचे.

अजय सिंह के करीबी कांग्रेस प्रत्याशी :कांग्रेस के सुखेंद्र सिंह बन्ना अजय सिंह राहुल के बेहद करीबी माने जाते हैं. कांग्रेस पार्टी ने राहुल के कहने पर ही वर्ष 2013 चुनाव के लिए सुखेंद्र सिंह बन्ना को अपना कैंडिडेट बनाया था. जिसके बाद जीत हासिल हुई और वो विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे. वर्ष 2018 चुनाव में पार्टी ने फिर उन्ही पर भरोसा जताया. मगर कई डमी कैंडिडेट भी मैदान में उतरे. जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अब एक बार फिर अजय सिंह राहुल के कहने पर ही पार्टी ने 2023 विधानसभा चुनाव में भी सुखेंद्र सिंह बन्ना को ही मऊगंज विधानसभा सीट की जिम्मेदारी सौंपी है.

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विकास भी बड़ा मुद्दा :बीते 5 सालों के दौरान मऊगंज में कुछ खास विकास कार्य नहीं हुए. हालांकि वर्षों से चली आ रही मऊगंज को जिला बनाए जाने की मांग जरूर पूरी हो गई. मऊगंज की नाराज जनता को खुश करते हुए क्षेत्रीय विधायक प्रदीप पटेल और सीएम शिवराज ने चुनावी दांवपेंच चलकर नया जिला बनाने की घोषणा की. मऊगंज से वर्तमान बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल की तो समूचा जिला और विंध्य इन्हे धरना विधायक के नाम से भी जानता है. क्योंकि अक्सर यह सरकार के नीतियों के खिलाफ़ ही मोर्चा खोल देते है और जनता की मांग और समस्याओं लेकर किसी भी सरकारी दफ्तर में बिस्तर डालकर वहीं अधिकारियो के कर्यालय में धरना दे देते हैं.

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