रीवा।जिले की त्योंथर और मांगी खरीदी केंद्र में खाद्य विभाग की लापरवाही का एक और नमूना सामने आया है, जहां खुले में रखी करीब 42 हजार क्विंटल धान खराब हो गई है. इतना ही नहीं ये खराब हो रही धान अब सड़ कर बदबू भी मारने लगी है. इस गंध से अब वहां आस-पास रहने वाले रहवासी भी परेशान होने लगे हैं, लेकिन खरीदी केंद्र के कर्मचारियों और अधिकारियों को इसकी गंध नहीं आ रही है. वहीं प्रशासनिक अमला भी इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं हैं. वहीं इस मामले में खाद्य विभाग का कहना है कि हमने कि ये धान खरीदा ही नहीं है.
42 हजार क्विंटल धान हुई खराब ये भी पढ़ें-समय पर नहीं हो पा रही गेहूं खरीदी, केद्रों पर लग रहीं लंबी कतारें
लॉकडाउन काल में जहां लोग दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं, वहीं रीवा के त्योंथर और मांगी खरीदी केंद्र में करीब 42 हजार क्विंटल धान सड़ कर बदबू मार रही है. लेकिन जिम्मेदार प्रशासन इस ओर ध्यान न देते हुए अपने बचाव के तरीके खोज रहा है. इसके अलावा सीधे तौर पर खाद्य विभाग के अधिकारियों ने कह दिया कि उन्होंने उस धान को खरीदा ही नहीं है.
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बता दें, तीन महीने पहले जब धान की खरीदी हो रही थी तभी किसानों ने खरीदी केंद्रों में जाकर अपने-अपने धान को बेचा था लेकिन अब तक उनके धान को उठाने वाला कोई नहीं आया है, जिस वजह से अब वह धान बदबू मारने लगी है. वहीं इस मामले को लेकर विधायक श्यामलाल द्विवेदी का कहना है कि खाद्य विभाग की लापरवाही के चलते सही समय में फीडिंग न होने के कारण अब धान सड़ रही है, जिसको लेकर अब वह CM से बात करेंगे. इसके अलावा मामले को लेकर खाद्य विभाग के अधिकारी भी गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं. खाद्य विभाग के अधिकारी राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि उन्होंने तो धान खरीदी ही नहीं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर किसानों के द्वारा उगाया गया यह धान किसी काम का नहीं रहा.