रतलाम। आदिवासी युवा संगठन जयस ने मप्र की 4 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जयस संविधान की 5वीं अनुसूची और पंचायत पेसा कानून लागू करवाने के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में उतर रही है. रतलाम- झाबुआ से जयस के उम्मीदवार कमलेश्वर डोडियार ने कहा कि जयस का मुद्दा आदिवासियों को संविधान की 5वीं अनुसूची लागू करवाकर उन्हें उनका हक दिलवाना है.
रतलाम: संविधान की 5वीं अनुसूची और पंचायती पेसा कानून लागू करवाने के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी जयस
जयस संविधान की 5वीं अनुसूची और पंचायत पेसा कानून लागू करवाने के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में उतर रही है, रतलाम- झाबुआ से जयस के उम्मीदवार कमलेश्वर डोडियार ने कहा कि जयस का मुद्दा आदिवासियों को संविधान की 5वीं अनुसूची लागू करवाकर उन्हें उनका हक दिलवाना है.
आदिवासियों के लिए सविंधान में प्रदत 5वीं अनुसूची को लागू करवाने की मांग लंबे समय से आदिवासी बहुल क्षेत्रों में उठती रही है. लेकिन कांग्रेस-बीजेपी के आदिवासी नेता इसे प्रमुखता से उठा नहीं पाये. लेकिन अब जयस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए कहा है की संविधान को 5वीं अनुसूची को लागू करवाना उनकी पहली प्रथमिकता है. साथ ही आदिवासी क्षेत्र की पंचायत को विकास कार्यों के पूरे अधिकार दिलवाने और फारेस्ट एरिया की जमीनों पर आदिवासीयों को अधिकार दिलवाना उनकी दूसरी और तीसरी प्राथमिकता होगी.
रतलाम- झाबुआ सीट पर जयस ने कमलेश्वर डोडियार को अपना उम्मीदवार बनाया है. 5वीं अनुसूची को मुद्दा बनाकर जयस के कमलेश्वर डोडियार कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया और बीजेपी के जीएस डामोर को चुनौती पेश कर रहे हैं. कमलेश्वर डोडियार दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र है और विधानसभा चुनाव में सैलाना से चुनाव लड़ चुके है. जयस ने युवा और आदिवासी क्षेत्र में लोकप्रिय होने से कमलेश्वर डोडियार को अपना उम्मीदवार बनाया है.