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खेतों में सड़ रही किसानों की सोयाबीन की फसल, जानिए कैसे करें बचाव

तनामक्खी का सोयाबीन की फसल पर भयंकर प्रकोप है. तनामक्खी का सबसे बड़ा कारण यही है कि किसानों को सोयाबीन का बीज जितनी मात्रा में जमीन में बोना था किसानों ने उससे अधिक मात्रा में बीज बोए हैं. उसके कारण ही तनामक्खी की बीमारी फसलों को हो गई है.

Soybean crop
सोयाबीन की फसल

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Published : Aug 31, 2020, 8:24 PM IST

राजगढ़।मध्यप्रदेश के किसान इन दिनों सोयाबीन के पीले पन से परेशान हैं. सोयाबीन में पीले पन के कई कारण हैं. कुछ जगहों पर रोग हैं तो कुछ जगहों पर बहुत प्रकोप है. पिछले कई दिनों से प्रभावित ग्रांवों को दौरा किया जा रहा है, इसके साथ ही किसानों से इस मामले में भी फीडबैक ले रहे हैं. इसके साथ सोयाबीन की फसलों का निरीक्षण करने के बाद यह निचौड़ निकलकर सामने आ रहा है कि जैसे ही सोयाबीन की फसल में वृद्धि हो रही थी तभी इस रोग ने फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया.

खेतों में सड़ रही किसानों की सोयाबीन की फसल

कृषि वैज्ञानिक डॉ.अखिलेश श्रीवास्तव के बताया कि दूसरी जगह सोयाबीन किसानों की बहुत अच्छी दिख रही है. लेकिन एक दो दिन के अंदर ही सोयाबीन के खेत पीले हो रहे हैं. सोयाबीन की इस दशा को लेकर जब टेस्ट किए गए तो एक तथ्य सामने आया है कि तनामक्खी का सोयाबीन की फसल पर भयंकर प्रकोप है. तनामक्खी का सबसे बड़ा कारण यही है कि किसानों को सोयाबीन का बीज जितनी मात्रा में जमीन में बोना था किसानों ने उससे अधिक मात्रा में बीज बोए हैं. उसके कारण ही तनामक्खी की बीमारी फसलों को हो गई है. इसके अलावा पौधों की संख्या अधिक होने के कारण और गलत तरीके से दवाइयों का उपयोग करने के कारण सोयाबीन पीली पड़ती जा रही है.

पीली पड़ रही सोयाबीन

कैसे करें बचाव

कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक बचाव के लिए बहुत सारे उपाय करने होंगे. इसके लिए साइक्लोथिन, इमेटाक्लोपीड़, थ्योमेथा एग्जाम जैसे अच्छे कीटनाशक हैं इनका 325 मिली प्रति हेक्यटेयर के हिसाब से छिड़काव करें. उन्होंने बताया कि कई जगहों पर सोयाबीन में सफेद मच्छर का प्रकोप ज्यादा है. उनके मुताबिक सफेद मच्छर के प्रकोप और गलत दवाइयों के प्रकोप के कारण सोयाबीन पीला पड़ा है. इसलिए कृषि विभाग और दूरसंचार के माध्यम जो अच्छी दवाइयां है किसान उनका वैज्ञानिक तरीके से प्रयोग करें. जिससे किसान सोयाबीन की फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है.

सोयाबीन के पत्ते

बची फसलों में इन उपयोग से बचा सकते हैं फसल

वहीं इस साल की बची हुई फसल को बचाना है और कुछ उपाय आपको अगले साल के लिए ठीक करने हो, यहां सभी आपकी इस साल की फसल को बचाने के लिए कुछ उपाय जो किए जा सकते हैं. उनमें जहां कुछ अच्छे कीटनाशक है. डॉ.अखिलेश श्रीवास्तव ने कहा कि इनका उपयोग करके आप अपनी फसलों को कुछ हद तक बचा सकते हैं. जिसमें बीटा साइक्लोथिन, इमेटाक्लोपीड़ का प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें. वही इन दवाओं के एनपीके प्रति पंप 100 ग्राम के साथ मिलाकर फर्टीलाइजर डब्लूएसएफ का छिड़काव करें. तो हम काफी हद तक सोयाबीन को बचा सकते हैं.

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