राजगढ़। बिहार के 57 मजदूर एक ट्रक में सवार होकर महाराष्ट्र के नासिक से निकले हैं. वह 800 किमी की यात्रा पूरी कर चुके हैं, अभी 1300 किमी का सफर बाकी है. बिहार के छपरा जिले के ये मजदूर महाराष्ट्र के नासिक जिले में मजदूरी का काम करते थे. ये मजदूर राजगढ़ जिले से होकर गुजरने वाली आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे से निकले. उन्होंने बताया कि, लॉकडाउन लगने के साथ ही उनका घरों से निकलना भी बंद हो गया था, अब जब कुछ ढील मिली, तो घर पहुंचना चाहते हैं.
2100 किमी के सफर पर निकले मजदूर रास्ते में जो मिला उसी मिटाई भूख
मजदूरों ने बताया कि, जब वो नासिक से निकले तो उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था. लॉकडाउन की वजह से पैसे भी खत्म हो गए थे. 21 सौ किलोमीटर के सफर पर निकले इन मजदूरों के सामने भूखे रहकर रास्ता तय करने के अवाला कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा था, लेकिन समाजसेवियों के द्वारा बांटे जाने वाले फूड पैकेट्स इनके लिए बड़ी राहत साबित हुए. उन्होंने बताया कि, हमें रास्ते में कई ऐसे स्थान मिले, जहां खाने के पैकेट, खिचड़ी, पोआ, पानी की बॉटलें और जरूरी दवाएं मिली हैं.
सरकार मजदूरों को ट्रेन और बस के माध्यम से उनके घर पहुंचाने के लाख दावे कर रही है, लेकिन सरकार की हर कोशिश नाकाम साबित हो रही है. लॉकडाउन में रोजी- रोटी का संटक झेल रहे इन मजदूरों के सामने पलायन करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के आगे तमाम सरकारी दावे नाकाफी साबित हो रहे हैं. मजदूरों का दर्द उनकी आंखों में साफ देखा जा सकता है.
'कहीं रुकना नहीं है, बस जैसे-तैसे अपने घर पहुंच जाएं, घर पहुंचेंगे तब ही कुछ सुकून मिल पाएगा, अब न कभी कहीं दूसरे प्रदेश में काम करने जाएंगे और न ही परिवार के सदस्यों को कहीं जाने देंगे'. यह जो पीड़ा सही है, उससे भगवान सभी को बचाए'. यह शब्द है इन मजदूरों की महाराष्ट्र के नासिक से निकलें हैं और उन्हें बिहार जाना है.