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डिजिटल इंडिया तो दूर ग्रामीणों को नहीं मिली मूलभूत सुविधाएं, पंचायत में हुआ भ्रष्टाचार - सीएम हेल्पलाइन

रायसेन की सिलवानी विधानसभा क्षेत्र के जंगलों के बीच बसे ग्राम पंचायत नारायणपुर की में प्रधानमंत्री आवास, खेल ग्राउंड से लेकर तमाम योजनाओं में बंदरबांट किया गया. जिनका डिजिटल विकास कागजों में तो हुआ, लेकिन जमीनी धरातल पर ये ग्राम अब तक मूलभूत सुविधाओं से अछूता है.

Villagers did not get basic facilities
ग्रामीणों को नहीं मिली मूलभूत सुविधाएं

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Published : Jan 14, 2020, 6:34 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 8:03 PM IST

रायसेन। मोदी सरकार डिजिटल इंडिया के तहत हमको कई योजनाएं दिखाती है. वहीं मध्य प्रदेश की पूर्व की बीजेपी सरकार लगातार डिजिटल इंडिया की उपलब्धियां गिनाती रही है. अब ऐसे में ये जानना और भी दिलचस्प होगा कि सिलवानी विधानसभा से वर्तमान विधायक और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र में कहां तक पहुंचा डिजिटल इंडिया का सपना? सिलवानी विधानसभा क्षेत्र के जंगलों के बीच बसे ग्राम पंचायत नारायणपुर की में प्रधानमंत्री आवास, खेल ग्राउंड से लेकर तमाम योजनाओं में बंदरबांट किया गया. जिनका डिजिटल विकास कागजों में तो हुआ, लेकिन जमीनी धरातल पर ये ग्राम अब तक मूलभूत सुविधाओं से अछूता है.

ग्रामीणों को नहीं मिली मूलभूत सुविधाएं


जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को डिजिटल इंडिया बनाने का प्रयास लगातार कर रहे हैं, तो वहीं जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की लापरवाही के चलते प्रधानमंत्री के सपने को पलीता लगाया जा रहा है. रायसेन जिले में आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां पर डिजिटल इंडिया का सपना तो दूर मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं,


सिलवानी ब्लॉक के नारायणपुर ग्राम पंचायत में मूलभूत सुविधाओं का आज भी अभाव है. ग्राम पंचायत नारायणपुर में आदिवासी समाज के लगभग 700 परिवार रहते हैं जो आज भी गुमनामी की जिंदगी बिता रहे हैं. इस पंचायत में सिर्फ 100 प्रधानमंत्री आवास, 300 शौचालय बनाए गए हैं, वो भी सचिव के गवन के कारण.


वहीं सीएम हेल्पलाइन पर ग्रामीणों की बार-बार शिकायत के बाद भी सचिव को सिर्फ योजनाओं का लाभ नहीं देने के कारण सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन लगभग 35 से 40 लाख तक गवन पर अभी तक जांच नहीं की गई है. इससे साफ जाहिर होता है कि सचिव को किसी छोटे से कारण में सस्पेंड कर बड़े घोटाले को दबाया जा रहा है और भोले-भाले ग्रामीणों को कार्रवाई के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है.


वहीं इस पूरे मामले पर जनपद सीईओ सफाई देकर बचते नजर आए. उन्होंने ग्रामीणों को ही गलत ठहरा दिया. उन्होंने कहा कि फील्ड ऑफिसर जाते रहते हैं पर ग्रामीणों ने कभी बताया नहीं. सचिव ने समय पर हितग्राहियों को लाभ नहीं दिया. इस कारण सस्पेंड कर दिया है.

Last Updated : Jan 14, 2020, 8:03 PM IST

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