रायसेन| जंगल कटाई और शिकार की चर्चा में रहने वाले रातापानी अभयारण्य रेंज में एक बार फिर बाघ का शिकार हुआ है. शिकारियों ने पिछले 1 साल में तीसरी बार बाघ का शिकार किया है. इसके बाद वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
रायसेन: रातापानी के जंगल में एक साल में तीसरी बार हुआ बाघ का शिकार, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
जंगल कटाई और शिकार की चर्चा में रहने वाले रातापानी अभयारण्य रेंज में एक बार फिर बाघ का शिकार हुआ है. शिकारियों ने पिछले 1 साल में तीसरी बार बाघ का शिकार किया है.
वन मंडल अब्दुल्लागंज रातापानी अभयारण्य बिनेका रेंज जो कभी जंगल कटाई के चलते चर्चा में रहता है तो कभी शिकार के मामले में. बिनेका रेंज बीट बगासपुर के सामने शिकारी बाघ के चारों पैर, एक कान, पूछ, और मूंछें काट कर ले गए. बाघ का शव 4 से 5 दिन पुराना बताया जा रहा है. अब सवाल ये उठता है जब नाकेदार और डिप्टी रेंजर अपनी ड्यूटी पर हैं, तो फिर शिकार कैसे हुआ और 5 दिन तक बाघ का शव पड़ा रहा. वहीं इस अभ्यारण में बिना अनुमति के कोई जा नहीं सकता कुछ समय पहले रेंजर द्वारा मीडिया को कवरेज की अनुमति नहीं दी गई थी, तो फिर शिकारियों ने अंदर घुसकर बाघ को कैसे मारा. कहीं ना कहीं रेंजर नाकेदार की मिलीभगत से वनों की कटाई और बाघ का शिकार होता है.
जब एसडीओ रातापानी अधीक्षक से बात करना चाहा तो उन्होंने साफ तौर पर मीडिया से बात करने से मना कर दिया और कहा यह सब तो चलता रहता है. वरिष्ठ अधिकारियों ने भोपाल से टीम बुलाई है. इसके बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ.