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किसानों को राहत का मरहम, CM शिवराज का अफसरों को निर्देश- 25 मार्च तक पूरा करें बर्बाद फसलों का सर्वे - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

एमपी में मौसम के करवट बदलने से किसानों की नीदें उड़ गई हैं. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. सीएम शिवराज ने 25 मार्च तक बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों का सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं.

raisen farmer died in shock
मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश

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Published : Mar 20, 2023, 9:05 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 1:07 PM IST

मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश का कहर

रायसेन/भोपाल।एमपी में लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसान सकते में है. प्रदेशभर के किसान ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के लिए सरकार से जल्द सर्वे और मुआवजे की मांग कर रहे हैं. एमपी विधानसभा में कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे को लेकर हंगामे के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया. वहीं अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 25 मार्च तक फसल का सर्वे कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि रविवार को रायसेन के सिलवानी तहसील के बम्होरी सर्किल के दर्जनों गावो में ओले गिरे. ओलावृष्टि से एक किसान की लगभग 8 एकड़ की गेहूं, चना की फसल बर्बाद होने की खबर किसान को लगी तो सदमा में मौत हो गई.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ली बैठक

किसान को सदमा: आफत की बारिश से किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं. रायसेन के किसान हरप्रसाद लोधी की इसी सदमें में मौत हो गई. विदिशा जिले की तहसील ग्यारसपुर के पंचायत मदनई में 45 साल के शैतान सिंह की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई है. ओलावृष्टि में ओले का आकार इतना बड़ा था कि किसान सौ फीसदी नुकसान होने की बात कह रहे हैं. बारिस के साथ सड़क खेत पर ओलों की परत जमी हुई थी किसान परेशान हैं. अब सरकार से आस लगाए हैं. हालांकि किसानों को सरकार ने आश्वस्त किया है. नुकसान का पूरा आकलन किया जाएगा.

सरकार का मरहम: बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत का मरहम लगाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 मार्च तक फसल का सर्वे कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने सर्वे कार्य को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर बैठक बुलाकर अधिकारियों को सर्वे कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि 8 मार्च के आसपास हुई बारिश से नुकसान का पहले चरण का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है जबकि 19 मार्च के आसपास हुई बारिश से नुकसान का सर्वे कार्य चल रहा है.

इन खबरों पर भी एक नजर:

सर्वे में लापरवाही बर्दाश्त नहीं:बैठक में सीएम ने अधिकारियों को सख्ती से कहा कि सर्वे के काम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सर्वे में रिवेन्यु, कृषि विभाग, पंचायत विभाग के अमले को साथ रखें. सर्वे पूरा होने पर सूची को पंचायत के दफ्तर में लगाया जाएगा. यदि इसके बाद किसी को आपत्ति है तो उसका निराकरण किया जाए. सर्वे के काम में पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए. सर्वे के आरबीसी 6-4 के तहत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी. सीएम ने कहा कि सर्वे का काम 25 मार्च तक पूरा हो जाना चाहिए.

प्रदेश के ये जिले प्रभावित: शुरूआती सर्वे में पता चला है कि प्रदेश के 51 तहसीलों के 520 ग्रामों में बारिश और ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान पहुंचा है. इन गांवों के 38 हजार 900 किसानों की 33 हजार 758 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है. प्रदेश के 12 जिलों में बिजली गिरने करीबन 22 लोगों की मौत हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के शहडोल, जबलपुर, चंबल, नर्मदापुर, उज्जैन, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और भोपाल संभाग के जिलों में 18 मार्च को और मंडला, बालाघाट, नर्मदापुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी और शहडोल जिलों में बारिश हुई है. प्रदश के 20 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि हुई है.

Last Updated : Mar 21, 2023, 1:07 PM IST

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