रायसेन। जिले के उदयपुरा विकासखंड का गांव कुचवाड़ा में रोजगार सहायक ने भ्रष्टाचार की नई इबारत लिख दी है. ये मामला साल 2019 का है, जब गांव के किसान मिथिलेश रघुवंशी और खुमान सिंह लोधी के खेतों में पानी पहुंचे, इसके लिए सरकार ने तीन-तीन लाख रुपए खेत तालाब योजना के तहत स्वीकृत किए. मई 2019 में इन तालाबों को बनकर तैयार हो जाना था. योजना के पैसे रोजगार सहायक रमाकांत रघुवंशी फर्जी बिल से निकालकर हजम कर गया. ये बात तब पता चली, जब फर्जी मास्टर रोल पोर्टल पर दिखे. जनवरी 2020 में इन किसानों ने बाकायदा रोजगार सहायक से शिकायत की और तालाब का निर्माण करवाने की बात कही. लेकिन रबी की फसल के चलते यह काम नहीं हो पाया और अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके इन तालाबों को जेसीबी मशीन की मदद ने खोदा जा रहा है.
रोजगार सहायक ने फर्जी बिल बनाकर किया लाखों की गबन, इस तरह हुआ खुलासा
रायसेन का कुचवाड़ा में एक रोजगार सहायक ने फर्जी बिल के आधार पर लाखों रुपयों का गबन कर दिया, मामले की खुलासा होने के बाद आरोपी ने जेसीबी मशीन से तालाब की खुदाई करवाकर अपने गुनाहों पर पर्दा डालने की कोशिश की.
ओशो की जन्मस्थली पर भ्रष्टाचार
साल 2019 में किया जा चुका है बर्खास्त
बता दें कि, यह रोजगार सहायक साल 2019 में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी के कारण बर्खास्त किया जा चुका है. इसके बावजूद हाईकोर्ट से स्टे लेकर यह अब भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम खेल रहा है. कोई भी व्यक्ति अगर इसकी शिकायत करता है, तो यह उसके खिलाफ थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज करा देता है.