रायसेन।सरकार की तमाम योजनाओं एवं शासन के प्रयासों के बावजूद आज भी बेटी को बोझ समझा जा रहा है. बेटी पढ़ाओ और बेटी बढ़ाओ का नारा स्लोगनों तक ही सिमट कर रह गया है. शासन, प्रशासन तो पूर्ण रूप से सजग है लेकिन अभिभावक हैं कि समझने को तैयार नहीं हैं. थोड़े से लालच में आकर पढ़ने-लिखने और खेलने-कूदने की उम्र में मासूम के ऊपर गृहस्थी का बोझ लाद देते हैं. शहर के वार्ड नं.1 में आज ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां एक पिता महज 50 हजार रुपये के लालच में अपनी 15 वर्षीय पुत्री का विवाह करने जा रहा था. मौके पर पहुंची महिला बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन एवं पुलिस की ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क टीम ने सजगता के साथ बाल विवाह को रुकवाया.
15 साल की पुत्री का विवाह करा रहा था पिता
शहर के वार्ड नंबर-1 नवीन नरापुरा में रहने वाले रामू भील अपनी 15 वर्षीय पुत्री रानी (परिवर्तित नाम) का बाल विवाह करने जा रहा था. उसने रानी के हाथ पीले करने की पूरी योजना बना रखी थी. जानकारी लगते ही महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी योगेन्द्र राज के निर्देशन में सेक्टर सुपरवाइजर सुनीता रजक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमलता शाक्या, रचना शाक्या सहित चाइल्ड लाइन एवं ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क की टीम मौके पर पहुंची. घर पर पिता तो मौजूद नहीं था लेकिन जिस बालिका के विवाह की तैयारी चल रही थी, वह और उसके भाई-बहन मौके पर मिले.