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पन्ना टाइगर रिजर्व की शान है दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला, गिनीज बुक में नहीं दर्ज हुआ नाम

पन्ना टाइगर रिजर्व के अनमोल रत्नों में से एक हथिनी वत्सला करीब 100 साल की है. वत्सला दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी मानी जाती है. लेकिन उसके जन्म संबंधी दस्तावेज नहीं होने के कारण पन्ना टाइगर रिजर्व वत्सला का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं करा सका है.

Hathini Vatsala
हथिनी वत्सला

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Published : Aug 10, 2020, 3:38 PM IST

Updated : Aug 10, 2020, 4:31 PM IST

पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों के साथ-साथ हाथियों के लिए भी विख्यात है क्योंकि यहां पर विश्व की सबसे ज्यादा उम्र की हथिनी वत्सला मौजूद है, जिसकी उम्र लगभग 100 वर्ष है और वत्सला के बच्चे नहीं होने के कारण वह दूसरी हथिनियों के बच्चों का पालन पोषण करती है. इसलिए वत्सला को धाय मां भी कहते हैं.

सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला

उम्र ज्यादा होने के कारण वत्सला लगभग 10 साल पहले रिटायर हो चुकी है और सूंड़ बढ़ जाने से वह सूंड़ के सहारे भी चलती है. इसलिए वत्सला को पांच पैर वाली हथिनी भी कहा जाता है. पन्ना टाइगर रिजर्व के साथ ही प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली हथिनी वत्सला के प्रति न तो पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन सजग है और न ही वाइल्ड लाइफ से जुड़े वन्यजीव प्रेमी, जिससे वत्सला का नाम अभी तक गिनीज बुक में नहीं जुड़ पाया है, इसलिए वत्सला को उसका हक नहीं मिल पा रहा है.

जानकारी के मुताबिक दो साल पहले पन्ना प्रवास पर आये पूर्व पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ और पन्ना टाइगर रिजर्व के पूर्व फील्ड डायरेक्टर शाहवाज अहमद ने वत्सला के जन्म संबंधी समस्त दस्तावेज केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिविजन में मंगवाने की बात कही थी. इससे वत्सला का नाम दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी के रूप में गिनीज बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने की उम्मीद बढ़ गई थी. लेकिन इसके बाद पार्क प्रबंधन ने उस दिशा में ध्यान ही नहीं दिया, यहां तक कि निर्णय के दो साल बाद भी पार्क प्रबंधन की ओर से अभी तक एक टीम तक नीलांबुर फारेस्ट डिविजन कभी नहीं भेजी गई है.

केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिवीजन में हुआ था वत्सला का जन्म

पन्ना टाइगर रिजर्व की हथिनी वत्सला का जन्म केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिविजन में हुआ था. इसे केरल से साल 1971 में होशंगाबाद के अभ्यारण्य में लाया गया था. जहां उसने कई सालों तक सेवाएं दी. इसके बाद साल 1993 में वत्सला को पन्ना टाइगर रिजर्व लाया गया था. तब से वह पन्ना टाइगर रिजर्व में ही है. करीब डेढ़ दशक तक वत्सला पर्यटकों को टाइगर रिजर्व का भ्रमण कराती रही है.

अधिक उम्र होने के बाद उसे रिटायर कर दिया गया. अब वह अपना बुढ़ापा काट रही है. वत्सला को सुपाच्य भोजन दिए जाने के साथ ही नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है. टाइगर रिजर्व प्रबंधन अब वत्सला से किसी प्रकार का काम नहीं लेता है. पन्ना टाइगर रिजर्व आने वाले देसी और विदेशी पर्यटकों के बीच भी वत्सला की काफी पूछ परख होती है. आमतौर पर हाथियों की उम्र 70 से 80 साल होती है. वत्सला के अलावा थाइलैंड में एक 86 साल का एक हाथी है.

वत्सला पर दो बार हो चुके प्राणघातक हमले

टाइगर रिजर्व के ही एक नर हाथी ने वत्सला कोसाल 2003 और 2008 में दो बार प्राण घातक हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. जिसका इलाज एक विदेशी पर्यटक ने करवाया था. मौजूदा समय में यह हथिनी देशी और विदेशी पर्यटकों लिए जहां आकर्षण का केंद्र है. वहीं पन्ना टाइगर रिजर्व के अनमेाल रत्नों में से एक है. यह पन्ना टाइगर रिजर्व के हाथी दल की शान है.

Last Updated : Aug 10, 2020, 4:31 PM IST

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