पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों के साथ-साथ हाथियों के लिए भी विख्यात है क्योंकि यहां पर विश्व की सबसे ज्यादा उम्र की हथिनी वत्सला मौजूद है, जिसकी उम्र लगभग 100 वर्ष है और वत्सला के बच्चे नहीं होने के कारण वह दूसरी हथिनियों के बच्चों का पालन पोषण करती है. इसलिए वत्सला को धाय मां भी कहते हैं.
उम्र ज्यादा होने के कारण वत्सला लगभग 10 साल पहले रिटायर हो चुकी है और सूंड़ बढ़ जाने से वह सूंड़ के सहारे भी चलती है. इसलिए वत्सला को पांच पैर वाली हथिनी भी कहा जाता है. पन्ना टाइगर रिजर्व के साथ ही प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली हथिनी वत्सला के प्रति न तो पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन सजग है और न ही वाइल्ड लाइफ से जुड़े वन्यजीव प्रेमी, जिससे वत्सला का नाम अभी तक गिनीज बुक में नहीं जुड़ पाया है, इसलिए वत्सला को उसका हक नहीं मिल पा रहा है.
जानकारी के मुताबिक दो साल पहले पन्ना प्रवास पर आये पूर्व पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ और पन्ना टाइगर रिजर्व के पूर्व फील्ड डायरेक्टर शाहवाज अहमद ने वत्सला के जन्म संबंधी समस्त दस्तावेज केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिविजन में मंगवाने की बात कही थी. इससे वत्सला का नाम दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी के रूप में गिनीज बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने की उम्मीद बढ़ गई थी. लेकिन इसके बाद पार्क प्रबंधन ने उस दिशा में ध्यान ही नहीं दिया, यहां तक कि निर्णय के दो साल बाद भी पार्क प्रबंधन की ओर से अभी तक एक टीम तक नीलांबुर फारेस्ट डिविजन कभी नहीं भेजी गई है.
केरल के नीलांबुर फारेस्ट डिवीजन में हुआ था वत्सला का जन्म