पन्ना। जिले में शिक्षा व्यवस्था की हालत खस्ता है. ग्रामीण क्षेत्रों में आलम ये है कि, स्कूलों या तो शिक्षक है ही नहीं, अगर है भी तो एक टीचर पूरे स्कूल को संभाल रहा है. ऐसे में बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की कल्पना करना भी बेमानी होगी. शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है. अध्यापकों की कमी की वजह से कुछ विषयों की पढ़ाई तो बच्चों को करवा दी जाती है, लेकिन बाकी विषयों को ऐसे ही छोड़ दिए जाता है.
ऐसे पढ़ेंगे बच्चे, तो कैसे बढ़ेंगे ? बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़, एक शिक्षक के भरोसे चल रहा स्कूल
ग्रामीण इलाकों में स्कूलों की हालत बेहद खराब है. कहीं शिक्षक के बिना ही स्कूल चल रहे हैं, तो कहीं एक ही शिक्षक पूरे स्कूल को संभाल रहा है.
कांग्रेस विधायक शिवदयाल बागरी ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से बात की है. उन्होंने कहा कि 'अगर शिक्षक केवल जिला मुख्यालय व कस्बों के स्कूलों में ही पढ़ाएंगे, तो गांव के स्कूलों मे ताले लग जाएंगे'.
जिले के दौरे पर पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने दावा किया है कि 'कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के सुधार में कई कदम उठाए हैं'. तो वहीं जब उनसे स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिया.