निवाड़ी। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती 2 फरवरी से शराबबंदी अभियान को लेकर मधुशाला में गौशाला अभियान की शुरुआत बुंदेलखंड की पावन धार्मिक नगरी एवं बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले ओरछा से की है. उमा भारती देर रात ओरछा पहुंची, जहां उन्होंने शराब की दुकानें बंद करने की मुहिम शुरू की. यहां पूर्व सीएम ने मध्य प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ओरछा जैसे पवित्र तीर्थ स्थल पर गंगाजल और गाय का दूध मिलना चाहिए, वहां ओरछा में द्वार से पहले शराब मिलना बेहद शर्मनाक है.
शराब को दे रहे बढ़ावा: पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि राजस्व के लिए राजस्व अधिकारी को जिले से ज्यादा राजस्व देने के लिए कहा गया तो उन्होंने जिले में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ा दी. ओरछा में भी रामराजा सरकार के मंदिर से पहले दुकान खोल कर शराब को बढ़ावा दे रहे हैं. उमा भारती मधुशाला में गौशाला की तर्ज पर शराब की दुकान का विरोध करने और शराब की दुकान के बाहर गायों को बांधने पहुंची है. यहां शराब की दुकान के बाहर उनके द्वारा गायों को बांधा गया. बीती रात उनके समर्थकों द्वारा शराब की दुकान के बाहर करीब 7-8 खूंटी गाड़ दिए गए थे. कांग्रेस जाने के सवाल पर उमा भारती नाराज हो गईं और कहा कि अगर मैं कांग्रेस में गई तो एक दिन में उस पार्टी का सर्वनाश कर दूंगी.
उमा का अभियान 'मधुशाला में गौशाला’, शराब दुकान के आगे गाय बांध कर किया विरोध
शराबबंदी के चलते सुर्खियों में उमा:उमा भारती पिछले कुछ समय से मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रही हैं. जबसे उन्होंने शराबबंदी की मांग करते हुए शराब की दुकानों पर गोबर और पत्थर फेंक कर अपना विरोध जताया है. तब से भाजपा के नेताओं की भी नींद उड़ी हुई है. काफी समय तक राजनीति में अपनी पूछ परख ना होते देखकर आखिरकार साध्वी को भी क्रोध आ ही गया और अपना वर्चस्व दिखाने के लिए शराब को मुद्दा बनाकर सुर्खियों में आ गई. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री यह भी सहर्ष स्वीकार करती हैं कि सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व आबकारी विभाग से ही मिलता है, लेकिन शायद फिर भी शराबबंदी का मुद्दा उठाकर वह अपने होने का एहसास दिलाना चाहती हैं.
पिछली बार भी दुकान पर फेका था गोबर:ओरछा में प्रवेश करने के बाद मंदिर से पहले विवेकानंद चौराहे पर स्थित शराब की दुकान पर 2 माह पूर्व भी उमा भारती ने विरोध करते हुए गोबर फेंका था. दुकान को यहां से हटाने की बात कही थी, लेकिन आज भी यह शराब की दुकान रोड किनारे पर ही स्थित है. जिस कारण उमा भारती ने फिर से सरकार से नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रदेश भर के पवित्र स्थानों से शराब की दुकानों को हटाने का संकल्प लेते हुए मधुशाला को गौशाला में तब्दील करने के अभियान की शुरुआत पवित्र नगरी ओरछा से की है.
शराब दुकानदार और ठेकेदार परेशान: वही इस मामले में शराब ठेकेदार रामपाल राय का कहना है कि हम शासन के नियम अनुसार इस दुकान को चला रहे हैं. सत्र 2022-23 में 3 करोड़ 22 लाख रुपए में इस दुकान का टेंडर मिला था. दुकान हटाने का जो आदेश मिला था, उसमें हमने कोर्ट से स्टे भी लिया हुआ है, इसके आगे न्यायालय जो भी निर्णय करेगा हम वह मानेंगे, शासन मुझे मेरी फीस वापस कर दे मैं दुकान छोड़ दूंगा. मैं भी इन सब प्रतिक्रियाओं से परेशान हो चुका हूं आए दिन आर्थिक एवं मानसिक रूप से भी हमें परेशान किया जा रहा है.