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दबाव में आकर किसानों ने बदले बयान, कहा- हमें कोई शिकायत नहीं - 30 kg more wheat weighing case

नीमच के मनासा चेतन्य वेयर हाउस पर किसानों ने लगाए आरोपों को वापस ले लिया है. उनका कहना है कि, जो 30 किलो गेहूं काटे गए, वो हमें वापस दे दिए गए हैं. जिससे हम संतुष्ट हैं.

Farmers changed their statement under pressure in neemuch
दबाव में आकर किसानों ने बदले बयान

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Published : May 29, 2020, 7:13 PM IST

नीमच। मनासा चेतन्य वेयर हाउस पर किसानों से 30-30 किलों गेहूं अधिक लेने के मामले में नया मोड़ सामने आया हैं. सहायक आयुक्त ने बताया कि, जांच के दौरान जब किसानों से बातचीत की गई, तो उनका कहना था कि, केन्द्र पर उपस्थित अधिकारियों ने प्रत्येक ट्राली 30-30 किलो गेहूं अधिक लिए, लेकिन बाद में अधिकारीयों गेहूं वापस कर दिए.

दरअसल बीते दिनों किसानों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए वेयर हाऊस पर गंभीर आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि, वेयर हाउस के कर्मचारी उनसे प्रत्येक ट्रॉली पर 30 किलो अधिक आनाज ले रहे हैं. इसके लिए किसानों ने सहकारिता अधिकारी आरके हरित को लिखित शिकायत भी की थी. किसानों का बयान बदल लेना संशय के घेरे में आ रहा है. बताया जा रहा है कि, अधिकारियों ने किसानों को प्रलोभन देकर बयान बदलवाएं है और आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. जबकि ईटीवी भारत के पास किसानों के साथ- साथ अधिकारियों की वॉइस रिकॉर्डिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध हैं. इसके बावजुद जांच अधिकारी आरके हरित मनासा विपणन संस्था के अधिकारियों-कर्मचारियों को बचाने में लगे हुए हैं. पुरे मामले में जांच अधिकारी आरके हरित की भुमिका संदिग्ध लग रही हैं. किसानों के बयान बदल कर अधिकारी मीडिया की खबर को गलत साबित करने में लगे हैं.

पढ़े : ईटीवी भारत ने उठाया था मुद्दा

जांच अधिकारी किसानों के बयान लेने से कर चुके थे मना

चेतन्य वेयर हाउस पर जांच करने आए अधिकारी आरके हरित ने किसानों के बयान दर्ज करने से मना कर दिया था. वहीं मीडिया के हस्तक्षेप के बाद अधिकारी ने किसानों के लिखित में बयान दर्ज करवाएं. हालांकि अधिकारी ने सिर्फ एक किसान और ड्राइवर के ही बयान दर्ज किए. जबकि, उन दस किसानों के बयान दर्ज नहीं किए गए, जिनका गेहूं भी मनासा विपणन संस्था के अधिकारियों ने बड़े कांटे पर तौलने के साथ ही प्रत्येक ट्राली 30-30 किलों अधिक गेहूंलिया था, उनको अधिकारियों ने जांच के दौरान नहीं बुलाया.


किसान न बदले बयान
मामले में भारतीय किसान युनियन कि जिला अध्यक्ष अर्जून सिंह बोराना का कहना है कि, संस्था के अधिकारीयों द्वारा किसानों पर दबाव बनाकर या रुपए का प्रलोभन देकर बयान बदलवाए गए हैं. आज मीडिया ने किसानों के हक के लिए मुद्दा उठाया है, तो किसानों को उनका सहयोग करना चाहिए. ताकि भविष्य में किसानों को कोई समस्या आए, तो मीडिया उनको पूरा सहयोग कर सके. किसान अपने हक की लड़ाई में मीडिया द्वारा उठाए गए मुद्दे पर इस प्रकार बयान चेंज न करें.

किसानों ने कहा- हम संतुष्ट

इधर सहकारिता सहायक आयुक्त पुष्पेन्द्र सिंह कुशवाहा का कहना है कि, जांच रिपोर्ट आ गई. किसानों ने बताया कि, अधिकारियों ने शुरुआत में हमारा 30 किलों गेहूं अधिक काटा था. बाद में बिल बनाया, तो हमको वापस लौटा दिया. किसानों ने बताया कि, हमको कोई शिकायत नहीं हैं. हम पूरी तरह से संतुष्ट हैं.

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