नरसिंहपुर। नरसिंहपुर केंद्रीय जेल इन दिनों अपनी अभिनव पहल के लिए चर्चा में है. इस जेल में कैदियों द्वारा गोबर के मिश्रण से बने इको फ्रेंडली दीपकों और गमलों का निमार्ण कराया जा है. जिसे बाजारों में बेचा जाएगा. इन दीपकों की खासियत ये है कि इनसे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा. साथ ही ये दीपक पानी में घुलनशील भी होते हैं.
नर्मदा नदी के तट पर जिला होने के कारण इन दीपों का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. एक ओर ये दीयें दीपावली में लोगों के घरों को रोशन करेंगे, तो वहीं दूसरी ओर नर्मदा नदी में होने वाले लाखों दीपदान से मछलियों को आहार भी मिलेगा. जिससे इस पुण्य का कुछ हिस्सा कैदियों को भी मिलेगा.
इको फ्रेंडली दीए से रोशन होंगे घर
प्रशिक्षण लेकर कैदी गोबर और अनाज की दीए और गमले बना रहे हैं. जिसमें दलिया के बारीक दाने, चावल के बारिक दाने और उड़द की दाल मिलाया गया है. जिससे पर्यपरण प्रदूषित नहीं होगा. साथ ही इन दीयों से लोगों के घरों में उजाला होगा और मछलियों को भोजन मिलेगा.