मुरैना। भिण्ड और श्योपुर के लगभग 100 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. प्रभावितों की हर संभव मदद के लिये प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है. संकट की इस घड़ी में सरकार उनको हर संभव मदद करेगी. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराकर जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई मध्यप्रदेश सरकार करेगी. यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करने के बाद कही. प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने कहा बाढ़ रेसक्यू के लिए चंबल को हेलिकॉप्टर भी उपलब्ध कराएंगे.
अधिकारियों संग बैठक करते सीएम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का होगा सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(CM SHIVRAJ SINGH CHAUHAN) बुधवार की देर शाम हैलीकॉप्टर से मुरैना पहुंचे. मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर अम्बाह तहसील के पास ग्राम कुथियाना में राहत कैम्पों में रह रहे लोगों से आत्मीय संवाद किया. उन्होंने राहत कैम्पों में रह रहे लोगों को आश्वस्त किया कि यह आफत की घड़ी है, इसमे घबराने की कोई जरूरत नहीं है. पूरी सरकार और वे खुद भी उनके साथ संकट की घड़ी में खड़े हैं. सीएम ने कहा हर नुकसान की भरपाई की जायेगी. मुख्यमंत्री ने लोगों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि प्रभावितों की मदद के लिये स्थायी और अस्थायी रूप से कार्य किए जायेंगे. जल्द ही जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेगा. सर्वेक्षण में न केवल मकान बल्कि पशु, खाद्य सामग्री एवं फसल का भी सर्वेक्षण कराया जाए. सर्वेक्षण के आधार पर जो भी नुकसान हुआ होगा, वह प्रभावितों को मध्यप्रदेश सरकार प्रदान करेगी.
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बाढ़ से बचाव के लिए ऊंचे स्थान पर बसाए जाएंगे लोग
सीएम ने लोगों से यह भी आह्वान किया कि जिन गांवों में हर वर्ष या बार-बार बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, उन गांव के निवासियों की सहमति के आधार पर उन्हें ऊंचे स्थान पर बसाने का कार्य भी किया जायेगा. ऐसे स्थानों पर लोगों को आवास निर्माण करने की मदद भी प्रदान की जायेगी. इसके साथ ही बिजली, पानी और मूलभूत सुविधायें भी सरकार मुहैया करायेगी. मुख्यमंत्री चौहान ने मुरैना जिले के प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह से भी कहा कि वे ऐसे बाढ़ प्रभावित गांव जहां बार-बार बाढ़ का पानी भर जाता है, उन्हें ऊंचे स्थान पर बसाने के लिये आम सहमति से बसाने की कार्रवाई प्रशासन से कराएं. इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.
बाढ़ के पानी को स्टोर करने की योजना पर काम
बीती रात मुख्यमंत्री ने न्यू कलेक्ट्रेट भवन के सभागार में प्रशासन के साथ बैठक में कहा है कि चंबल में बाढ़ की दशा में लोगों को बोट से निकालने का काम तेज किया जाए. एसडीआरएफ(SDRF) और एनडीआरएफ(NDRF) की टीमें और मिल रही हैं उनकी सेवाएं मुरैना, भिंड और श्योपुर जिले को मिलेंगी. इमरजेंसी में रेसक्यू के लिए हेलिकॉप्टर भी चंबल के तीनों जिलों को उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में चंबल में बाढ़ के पानी को स्टोर करने की योजना पर काम करें.
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कोटा बैराज से कितना छोड़ा गया पानी
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान प्रमुख सचिव जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा से जानना चाहा कि गुरुवार को कोटा बैराज से कितना पानी छोड़ा जाएगा. इसके जवाब में मुख्यमंत्री को बताया गया कि बुधवार की शाम 6.30 बजे के बाद गांधी सागर डैम से पानी का डिस्चार्ज 2.65 लाख क्यूसेक से घटाकर 1.22 लाख क्यूसेक कर दिया है. इसके समानुपात में कोटा बैराज से भी 1.22 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा है.