मुरैना। जिले की पोरसा तहसील इलाके की पुरानी बस्ती में रहने वाले विशंभर प्रजापति को एम्बुलेंस न मिलने पर अपनी बीमार पत्नी को हाथ ठेला में लिटाकर इलाज के लिए पोरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे. जब काफी देर तक इलाज नहीं मिला तो परिजन अस्पताल की कमियों और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. काफी देर बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर वहां पहुंचे. डॉक्टर ने महिला का हाथ पकड़कर बोला कि महिला की मौत हो चुके है, इसे पीएम के लिए ले जाओ. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने काफी देर तक अस्पताल में हंगामा किया. सूचना पाकर पोरसा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.
दो बार कॉल करने पर भी नहीं पहुंची एंबुलेंस
दरअसल, पोरसा कस्बे के वार्ड क्रमांक-5 में रहने वाले महावीर जैन ने बताया कि विशंभर प्रजापति की पत्नी अंगूरी देवी की तबीयत 4-5 दिन से खराब चल रही थी. उसे बुखार के साथ उल्टी-दस्त की शिकायत थी. सोमवार दोपहर अचानक अंगूरी देवी बेहोश हो गई. विशंभर ने अपने भतीजे महेश को बुलाया और उसके मोबाइल से 108 एंबुलेंस को दो बार कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई.
पति हाथठेला से पत्नी को लेकर गया अस्पताल
महावीर ने बताया कि इसके बाद विशंभर अपनी बीमार पत्नी अंगूरी देवी को हाथठेला में लिटाकर अस्पताल ले गए. जहां डयूटी पर तैनात डॉक्टर डॉ. जेएन मेवाफरोश के आवास पहुंचकर उनका दरवाजा खटखटाया लेकिन वे बाहर ही नहीं निकले. तकरीबन आधा घंटे बाद वे बाहर निकले. डॉक्टर ने कहा कि मरीज को अम्बाह अस्प्ताल ले जाओ, यहां कोई व्यवस्था नही है. इसके बाद डॉक्टर ने बीमार महिला को देखकर कहा कि-इसकी तो मौत हो गई है. सूचना मिलते ही तमाम लोग पोरसा अस्पताल पहुंच गए. मृत महिला के शव अस्पताल गेट पर रखकर हंगामा कर करने लगे.