मुरैना।वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट ने एक बार फिर से चंबल को विश्व स्तर पर नई ख्याति दिलाई है. दरअसल 2019 की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में अतिसंकट प्रजाति की श्रेणी में आने वाले घड़ियालों की संख्या चंबल नदी में सबसे अधिक पाई गई है. सर्वे में बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित नेपाल की उन नदियों को लिया गया जहां पर घड़ियाल पाए जाते हैं.
दुनिया में घड़ियालों की संख्या में एमपी की चंबल नदी पहले नंबर पर - Chambal is Asia's biggest century
मुरैना जिले में बहने वाली चंबल नदी को विश्व में ख्याति मिली है. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने घड़ियालों की सबसे अधिक संख्या चंबल नदी में बताई है. चंबल की घड़ियाल सेंचुरी एशिया की सबसे बड़ी सेंचुरी है.
सबसे अधिक घडियालों की संख्या 1255 चंबल नदी में पाए गए हैं. दूसरे नंबर पर बिहार की गंडक नदी में 251, उत्तर प्रदेश की गिरवा नदी में 143, उत्तराखंड के रामगंगा नदी में 90, नेपाल की नारायणी में 84 घड़ियाल हैं. 2005 में चंबल सेंचुरी का निर्माण किया गया था, जिसके बाद से चंबल में घड़ियालों के संरक्षण पर काम शुरू हुआ और आज घड़ियालों की सबसे अधिक संख्या चंबल नदी में पाई गई.
चंबल की घड़ियाल सेंचुरी एशिया की सबसे बड़ी सेंचुरी है. अब इस रिपोर्ट के बाद वन्य प्राणियों को चाहने वालों में खुशी की लहर है. चंबल नदी घड़ियालों के मामले में विश्व में पहले स्थान पर आ गई है. वन विभाग के अनुसार घड़ियालों के लिए सबसे अधिक साफ पानी जरूरी होता है. बता दें कि फरवरी माह में एक बार फिर से सर्वे किया जाना है, जिसमें घड़ियालों की संख्या बढ़ने की संभावना है.