मुरैना। जिले में आए दिन सड़क हादसों में लोगों की मौत हो रही है. जिसमें यातायात के नियमों का पालन नहीं करने के पीछे एक बड़ी वजह सड़कों की जर्जर हालत भी है. खस्ताहाल सड़कें जहां हादसों का सबब बन रही हैं, वहीं वाहन चालकों के लिए आर्थिक नुकसान भी पहुंचा रही हैं. ऐसा ही नजारा है पहाड़गढ़ से श्योपुर, शिवपुरी, पोहरी और मिहोना तक जाने वाली 50 किलोमीटर लंबी सड़क पर दिखता है, जो पिछले तीन सालों से खस्ताहाल है. आलम ये है कि एक घंटे में पूरा होने वाले सफर में लोगों को 3 से 4 घंटे लगते हैं. ऊपर से गाड़ियों में टूट-फूट हो वो अलग. सड़क में गड्ढे इतने गहरे हैं कि उसमें कोई कार गिर जाए तो उसी में समा जाए.
जिस सड़क का तोमर ने किया था लोकार्पण, वो बन चुकी है गड्ढों वाली 'डगर'
मुरैना जिले के पहाड़गढ़-सहसराम सड़क मार्ग की हालत खस्ता है. पूरी सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. जिसके राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें, ये सड़क 2008 में बनाई गई थी. जिसका लोकार्पण केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किया था. जो अब सड़क कम, गड्ढों की डगर ज्यादा है. आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं. राहगीर राम विलास धाकड़ ने बताया कि उसकी कार गड्ढे में फंस गई थी. इतना ही नहीं आस-पास के ग्रामीणों को मुरैना जाना हो तो वे इन गड्ढढों से बचने के लिए 100 से 150 किलोमीटर का चक्कर लगाते हैं.
सड़क की हालत पर जब मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास से पूछा गया तो वे प्रशासन की दुहाई देती नजर आईं, उन्होंने कहा कि सड़क की टेंडर प्रकिया जल्द शुरु की जाएगी.