मुरैना। देवरी के राष्ट्रीय घड़ियाल पुनर्वास केंद्र में पल रहे घड़ियाल और कछुओं को पाली घाट में छोड़ा जाएगा. आपको बता दें कि इन घड़ियालों और कछुओं को चंबल नदी का प्राकृतिक वातावरण मिल सके, इसलिए इन्हें यहां छोड़ा जाएगा.
चंबल के प्राकृतिक वातावरण में छोड़े जाएंगे देवरी के घड़ियाल और दुर्लभ कछुए
मुरैना। देवरी में संचालित राष्ट्रीय घड़ियाल पुनर्वास केंद्र से घड़ियाल और कछुओं को शिवपुरी के पाली घाट में छोड़ा जाएगा. जिससे वो प्राकृतिक वातावरण में रह सकें.
घड़ियाल और कछुओं को पाली घाट में छोड़ा जाएगा
राष्ट्रीय घड़ियाल सेंचुरी देवरी में पलने वाले घड़ियालों में से 124 घड़ियालों को शिवपुरी के पाली घाट के लिए भेज दिया गया है. इसके साथ ही दुर्लभ प्रजाति के दो कछुओं को भी चंबल नदी में भेज दिया है. ये सभी घड़ियाल और कछुआ चंबल नदी के ऊपरी सिरे यानी शिवपुर जिले के पाली घाट से छोड़े जाएंगे ताकि वो प्राकृतिक वातावरण में और साफ पानी में रहकर अपना जीवन और अधिक विकसित कर सकें.