मंदसौर। चालू सीजन में अफीम फसल की पैदावार के मामले में जिले के कई किसान अभी भी केंद्र सरकार की नीतियों से आस लगाकर बैठे हैं. केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग की पहल पर केंद्र सरकार ने इस साल अफीम उत्पादन की नीति में बड़ा फेरबदल किया है. वित्त मंत्रालय ने अब औसत वजन के बजाय विभाग को तोली गई अफीम में मार्फिन की गाड़ता के आधार पर पट्टे जारी के निर्देश जारी किए हैं. नीति के इस बड़े फेरबदल से वह किसान पट्टो से वंचित रह गए हैं, जिन्होंने पिछले सीजन में औसत वजन के आधार पर नारकोटिक्स विभाग को अपनी अफीम तूलवाई थी.
नई अफीम नीति से परेशान किसान, बगैर लाइसेंस के कैसे करें उत्पादन
मंदसौर के कई किसान अभी भी केंद्र सरकार की नीतियों से आस लगाकर बैठे हैं कि उन्हें केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग की ओर से अफीम उत्पादन की मंजूरी मिल जाए.
मंदसौर के सैकड़ों किसान इस नीति से प्रभावित हुए हैं और उन्होंने पट्टे मिलने की आस में, अभी भी अपने खेत खाली ही छोड़ रखे हैं. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने इस साल उन्हीं किसानों को अफीम पैदावार करने के लाइसेंस जारी किए हैं. जिन्होंने पिछले सीजन में साढ़े 4 किलो प्रति हेक्टेयर की मार्फिन वाली गाड़ता की अफीम विभाग को सौंपी थी. नियत उत्पादन के आंकड़े के मामले में विभाग ने इस साल 6 हजार नए लाइसेंस जारी कर दिए हैं हालांकि विभाग ने वंचित रहे किसानों द्वारा पट्टों की मांग के पत्र केंद्र सरकार को पिछले महीने ही भेज दिए हैं.
इस मामले में सांसद सुधीर गुप्ता ने किसानों की मांग को जायज ठहराया है और समर्थन करते हुए कहा कि वह दिल्ली जाकर दोबारा वित्त मंत्री से बात करेंगे.