मंडला।किसी महिला को सपना आया पेड़ में हैं दैवीय शक्ति का और लगने लगा लोगों का हुजूम. फिर क्या था महुए के झाड़ की पूजा भी होने लगी, नारियल अगरबत्ती के साथ चढ़ने लगी चढ़ोत्तरी. ऐसा ही मंडला के नैनपुर तहसील में एक पेड़ है जहां पर हजारों लोगों का तांता लग रहा है, लोगों का कहना है कि यहां उनकी परेशानी पेड़ की शक्ति दूर करती है.
मंडला के ग्राम गोंझि में लोग कर रहे एक पेड़ की पूजा नैनपुर तहसील के गोंझि में अंधविश्वास का हुजूम
यह महुए का पेड़ मंडला जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर नैनपुर तहसील के ग्राम गोंझि में है. जो स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से लेकर नोकरीपेशा और खेती किसानी करने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है और उमड़ रही भीड़ को देखते हुए ग्रामीण यहां मंदिर बनाने तक का प्लान कर रहे हैं.
आस्था के नाम पर जुच रही ग्रामीणों की भीड़ कैसे शुरू हुआ अंधविश्वास का सिलसिला ?
एक हफ्ते पहले गाँव की महिला बिसरो बाई को सपना आया कि महुए के पेड़ में शक्ति है वहां पूजा करें, सुबह महिला परिजनों के साथ गयी पूजा की. जिसे लोगों ने देखा और महिला की कहानी सुनी और इसके बाद गांव के लोग भी यहां पहुंचे और पूजा शुरू कर दी.
इसी पेड़ की पूजा कर रहे हैं ग्रामीण दोनों हाथों को पेड़ द्वारा खींचने का दावा
लोग पेड़ के नीचे अपने दोनों हाथों की हथेली को जमीन पर रखते हैं, जो कुछ देर में अपने आप ही पेड़ की तरफ खिंचने लगती हैं और फिर अपने आप ही यह आकर्षण खत्म भी हो जाता है. इसके साथ ही लोगों की शारीरिक बीमारी के साथ ही हर तरह की परेशानियों का हल हो जाता है.
यहां लोग करते हैं दोनों हाथों को पेड़ द्वारा खींचे जाने का दावा क्या कहता है साइंस ?
बात की जाए आस्था या अंध विश्वास की तो विज्ञान इन चीजों को नहीं स्वीकारता. यही बात कह रहे हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक भी. जिनके अनुसार यदि सौ लोग किसी एक स्थान पर एक जैसी परेशानी लेकर जाते हैं और स्वाभाविक रूप से भी परेशानी दूर हो जाए तो लोगों की मानशिकता किसी शक्ति का ही चमत्कार की बन जाती है.
क्या कर रहा प्रशासन ?
लोगों का हुजूम उमड़ रहा है और प्रशासन को भी इसकी खबर है. लेकिन इस अंधविश्वास को रोकने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, बस जांच की बात कही जा रही.
ईटीवी भारत ने किया ग्राउंड जीरो पर रियल्टी टेस्ट
ईटीवी भारत की टीम ने यहाम पहुंचकर महुए के पेड़ की शक्ति का रियलटी टेस्ट किया, तो हमारी टीम को यहां किसी तरह की शक्ति का ना तो आभास हुआ ना ही पेड़ के द्वारा हमारे संवाददाता के हाथों को आकर्षित किया गया. रियल्टी टेस्ट के बाद हमारा जो अनुभव था वो बस इस बात की तसदीक करता है कि इस स्थान को लेकर जो बातें फैलाई जा रही हैं उनमें जरा भी सच्चाई नहीं है.
ईटीवी भारत की टीम ने किया रियलिटी चेक