मंडला।इस साल कोरोना महामारी के चलते गणेश उत्सव की तैयारी शुरु नहीं हुई है. हर साल जून के दूसरे पखवाड़े से मिट्टी को गूंथ कर भगवान की आकृति देने वाले कलाकार गणेश उत्सव की आधी से ज्यादा तैयारी इसलिए पूरी कर लेते थे कि, बरसात में मूर्तियों को सुखाना आसान काम नहीं होता, लेकिन इन कलाकारों के कारोबार पर इस साल कोरोना की ऐसी नजर लगी कि, तैयारियों का श्रीगणेश भी नहीं हो पाया. ऐसे में इन कलाकारों को ये सीजन खाली जाने का डर सता रहा है.
वो कलाकार ही हैं जो अपनी कला से भगवान को भी बना दें, लेकिन इन कलाकारों का कारोबार इस सीजन भगवान भरोसे ही है. लॉकडाउन के चलते जहां गणेश जी की मूर्ती बनाने का मटेरियल नहीं खरीद पाए, वहीं अब भी गणेश पूजा को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है. जिसके चलते ये मूर्तियां बनाना चालू ही नहीं कर पा रहे हैं.
जून माह में हो जाता था आधा काम
कलाकारों ने बताया कि, गणेश जी की मूर्तियों को बनाने का काम मई- जून महीने में चालू होकर जून के अंत तक आधा से ज्यादा हो जाता था, क्योंकि गर्मी में मूर्तियों को सूखाने में आसानी होती है. वहीं जुलाई की शुरुआत होते ही मूर्तियों का ऑर्डर मिलना भी शुरु हो जाता था. लेकिन इस सीजन कोरोना के चलते ना तो काम शुरु हो पाया है और ना ही पसंद की मूर्तियां बनवाने वाले लोग ऑर्डर देने आए हैं. ऐसे में ये कलाकार खाली हाथ बैठे हुए हैं.
पुराना सामान पड़ा जाम, नए की नहीं हो पाई खरीद
मिट्टी की मूर्तियां बनाने के साथ ही ये कलाकार मिट्टी को गूंथ कर बर्तन भी बनाते हैं, जो हर साल की भांति इस साल भी बनाए थे, लेकिन सारा माल लॉकडाउन के चलते जाम हो गया. वहीं गणेश उत्सव की मूर्तियां बनाने के लिए न तो पैरा भूसा आया, न ही मिट्टी आ सकी. लकड़ी और कंडे का भी इंतजाम नहीं कर सकें, ऐसे में आखिर मूर्तियां बिना मटेरियल के बनाएं भी तो कैसे?