मण्डला। सतपुड़ा पहाड़ियों पर बसा मण्डला चारों ओर से खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से घिरा हुआ है. लेकिन हम आपको जो तस्वीर दिखा रहे हैं वह मण्डला स्थित ग्राम पंचायत के ढेंको गांव की है. जहां आज भी लोग टूटे-फूटे और मिट्टी के कच्चे मकानों में रहने को मजबूर है. लेकिन ऐसा नहीं है कि यहां रह रहे लोगों को प्रधानमंत्री आवास के तहत मिलने वाले मकानों के सपने नहीं दिखाई गए. लेकिन वह कब पूरे होंगे यह कहना थोड़ा मुश्किल हैं. अधिकारियों से बात करने पर वह पुराना रटा रटाया जबाव देकर मामले से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश करते नजर आए.
मंडला: इस गांव तक पहुंचते-पहुंचते खत्म हो जाती है पीएम आवास योजना ! - Gram Panchayat secretary
मण्डला जिले के ढेंको गांव में ग्रामीण आज भी जीर्णशीर्ण मकानों में रहने को मजबूर हैं. ग्रामीणोें ने प्रधानमंत्री आवास योजाना का नाम तो सुना है लेकिन उनके लिए कब सार्थक होगी यह कहना मुश्किल है.
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उनके पास मकान नहीं होने के चलते वह अपनी बेटी के घर रहने को मजबूर हैं. जब उनसे यह पूछा गया कि आप ने प्रधानमंत्री आवास के तहत मिलने वाले मकान के लिए कोई आवेदन किया तो उन्होंने फटाक से कहा कि वह मकान के लिए कई बार अधिकारियों के पास चक्कर लगा चुके हैं. उन्होंने बताया कि अधिकारी उन्हें यह कहकर भगा देते हैं कि तुम्हारा आवेदन कम्प्यूटर में लोड हो गया है.
वहीं ग्राम पंचायत सचिव 2011 का हवाला देते हुए कहते है कि प्राथमिकता के आधार पर हितग्राहियों को मकान दिये जाते हैं. जबकि मण्डला जिले के कलेक्टर का कहना है कि पीएम आवास योजना के मकान सभी को उपलब्ध नहीं करा सकते.