निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट जारी, कहीं खुशी तो कहीं देरी पर छलका दर्द
निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले अपराधियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी. इस पर महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं.
निर्भया के अपराधियों को सजा
मंडला। निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले अपराधियों की फांसी का वक्त मुकर्रर हो चुका है, पटियाला हाउस कोर्ट के डेथ वारंट जारी करते ही महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी. शिक्षिका श्यामलता झारिया का कहना है कि इस जघन्य अपराध के लिए कोर्ट से जो न्याय मिला है, उससे खुशी तो बहुत है लेकिन ऐसे अपराध का निर्णय जहां तत्काल होना था. इतनी देरी क्यों हुई, ऐसे मानसिक रोगियों को जो बलात्कार जैसे जघन्य अपराध करते हैं, उन्हें तुरंत फांसी पर लटका देना चाहिए.
अर्थशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट पूजा जोशी का कहना है कि निर्भया गैंगरेप के बारे में सोचकर ही दिल दहल उठता है, जो इस तरह के अपराध को अंजाम देते हैं, देश का कानून इतना सख्त होना चाहिए कि दोबारा इस तरह का कृत्य करने की कोई हिम्मत न जुटा सके.
वुशु की नेशनल चैंपियन रह चुकी पूर्णिमा रजक का कहना है कि जो फैसला आया है, वो बहुत लेट आया है, जिस लड़की के साथ इतनी हैवानियत की गई, उसके परिजनों को इतनी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी, दरिंदों को उसी वक्त फांसी दे दी जाती तो और खुशी होती.
नारायणी नमोस्तुते पुरस्कार से नवाजी जा चुकी शशी पटेल ने निर्भया गैंगरेप को जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि संविधान में ऐसे बदलाव किए जाएं कि दूसरे देशों की तरह हमारे देश में भी इस तरह के दरिंदों को तुरंत ही सजा मिल सके.