मंडला। जिले के किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं. दरअसल ज्यादा बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. खराब हुई फसलों का सर्वे भी हो चुका है, लेकिन आज तक उनके खाते में मुआवजे की राशि नहीं आई है. अब किसानों को रबी की फसल की बुआई की तैयारी और खाद-बीज की खरीदी कैसे करें, इसकी चिंता सता रही है.
अन्नदाताओं के चेहरे पर खिंची चिंता की लकीरें, अतिवृष्टि से हुए नुकसान का नहीं मिला मुआवजा - Compensation amount
मण्डला में अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे होने के बाद भी किसानों के खाते में मुआवजे की राशि नहीं आई है. जिसके चलते किसान परेशान हैं.
वहीं मण्डला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में फसल की बुआई से पहले बिदरी प्रथा से पूजा की जाती है, फिर खार भरने से लेकर खेतों में बीज बोया जाता है. यहां के किसानों ने भी पूरे भक्ति-भाव से पूजा की, लेकिन रोपे के समय सावन रूठ गया और खड़ी धान की फसल कमजोर हो गई. इसके बाद ज्यादा बारिश से नदियों का पानी खेतों में भर गया और मक्के, उड़द, धान की खड़ी फसलों में पानी भरने से फसल नष्ट हो गई.
वहीं जब हानि का सर्वे और परीक्षण हुआ, तो जिले के कुल 644 किसानों की 220 हेक्टेयर भूमि की खेती बर्बाद हो गई है, जिनमें मक्का, धान, उड़द जैसी फसलें शामिल हैं. 145.47 हेक्टेयर भूमि की 33 से 50%, 55.65 हेक्टेयर भूमि की 50% से ज्यादा तो 13.98 हेक्टेयर भूमि की 25 से 33 % फसल किसी काम की नहीं रही है. मण्डला जिले की तरफ से किसानों को मुआवजे के लिए 37 लाख 11 हज़ार 178 रुपये की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक इन किसानों के खाते में पैसा नहीं आया है, जबकि रबी सीजन की फसल की बुआई का समय आ चुका है और किसानों के पास बीज खरीदने तो दूर खेत की जुताई तक के पैसे नहीं हैं.