मंडला। जिले की नैनपुर तहसील के नवीन माध्यमिक शाला सर्रा पिपरिया के बच्चों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसकी चर्चा विदेशों तक भी पहुंच गई है. दरअसल शिक्षक ने बच्चों को पढ़ाते समय 6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म का चित्र दिखाया, तो अगले दिन बच्चे उसी जीवाश्म को लेकर स्कूल पहुंच गए. इसकी पुष्टि विदेशी वैज्ञानिकों ने यहां आकर की, साथ ही इस खोज के लिए बच्चों को शाबासी भी दी.
सरकारी स्कूल के बच्चों ने खोजे 6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म विज्ञान विषय पढ़ाने वाले शिक्षक संजीव सोनी को इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि जिस चित्र को मोबाइल के माध्यम से वे बच्चों को दिखा रहे हैं, अगले दिन बच्चे उस जीवाश्म को उनके सामने पेश कर देंगे. दरअसल शिक्षक संजीव कक्षा में बच्चों को फॉसिल्स के बारे में बता रहे थे. जीवाश्म कैसे दिखते हैं, यह समझाने के लिए उन्होंने मोबाइल पर जीवाश्म के फोटो दिखाए थे. दूसरे दिन बच्चे उसी जीवाश्म को लेकर स्कूल पहुंच गए.
अमेरिका से आए वैज्ञानिक ने की पुष्टि
इस खोज के बाद शिक्षक सोनी बच्चों के साथ उस स्थान पर पहुंच गए, जहां यह जीवाश्म बिखरे पड़े हैं. इसकी खबर अमेरिका तक पहुंच गई. जिसके बाद अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक स्टीव मैनचेस्टर इसकी पुष्टि करने के लिए मंडला जिले के संबंधित स्थान पर पहुंच गए. मैनचेस्टर ने बताया कि ये जीवाश्म ही हैं और कार्बन विधि से यह बात साबित कर दी कि जीवाश्म चार से छह करोड़ सौ साल पुराने हैं. हालांकि अभी शोध जारी है. यह गौरव की बात है कि मण्डला के जीवाश्म का अध्ययन अमेरिका की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी में हो रहा है.
मण्डला जिले में कई जगह मिलते हैं जीवश्म
बता दें कि मण्डला जिले के आसपास जीवश्म मिलते हैं. निवास क्षेत्र में यह जीवाश्म भारी मात्रा में पाया गया है. वहीं नैनपुर तहसील के पाला सुंदर में मिलने वाले समुद्री शंख और सर्रा में मिलने वाले जीवाश्म को लेकर शासन-प्रशासन अभी तक बेखबर है. इन्हें संरक्षित करने की जरूरत है, ताकि भूगर्भ या जीवाश्म के अध्ययन करने वाले शोधार्थियों को इसका लाभ मिल सके.