खरगोन। जिले की जीवनदायिनी कुंदा नदी के पूर्वी तट पर स्थित मां कालिका मंदिर में नवरात्रि शुरू होते ही भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी है. मंदिर के बारे में मान्यता है कि 1979 में मोती बाबा के स्वप्न में आकर माता ने कहा था कि मैं यहां जमीन के अंदर विराजमान हूं, मुझे जमीन से निकालकर मंदिर की स्थापना करो. तभी से यह स्थान लोगों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है.
मां कालिका मंदिर में भक्तों की मुरादें होती हैं पूरी, हर रोज हजारों श्रद्धालु करते हैं दर्शन
मां दुर्गा की आराधना का पर्व शुरू हो चुका है. साथ ही धार्मिक स्थलों सहित माता के मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ने लगा है. खरगोन में कुंदा नदी के तट पर स्थित माता का मंदिर इस समय लोगों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है.
वहीं मंदिर के पुजारी सुशील अत्रे ने बताया कि माता के आदेश के बाद चैतन्य बाबा ने मूर्ति को निकालकर इस मंदिर का निर्माण करवाया. मंदिर की खासियत है कि यहां आने वाले निसंतान दंपत्ति को यहां आने के बाद संतान भी प्राप्त होती है.
मोनी बाबा ने यहां मां शक्ति का प्रतीक त्रिशूल की स्थापना की है, जिस पर सच्चे मन से कलावा बांधने से भी मनोकामना पूर्ण होती है. श्रद्धालु सुनील पवार ने कहा कि मां की महिमा अपरंपार है, मैं बीते 20 वर्षों से आ रहा हूं. लोग यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और मां उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती है.