खरगोन। महेश्वरी साड़ियों ने निमाड़ अंचल और खरगोन जिले को विश्व पटल पर पहचान दिलाई है. लेकिन कोरोना ग्रहण के कारण महेश्वरी साड़ी का अस्तित्व खतरे में आ गया है. एक ओर जहां महेश्वरी साड़ी निर्माताओं को काफी नुकसान हुआ है तो वहीं बुनकरों की हालत भी दयनीय है. खरगोन और महेश्वर का नाम महेश्वरी साड़ियों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. लेकिन बीते दो महीनों से हुए लॉकडाउन के चलते महेश्वरी साड़ी के बुनकरों और साड़ी निर्माताओं के ऊपर कोरोना रूपी ग्रहण लग गया है, जिससे बचने के लिए अब सरकार को प्रयास करने होंगे. महेश्वरी साड़ी के बुनकर अनीस अंसारी ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते बुनकरों के सामने सबसे बड़ा आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. बीते दो माह से घर चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
लॉकडाउन में बुनकरों के पास कोई काम नही है. बेरोजगारी से परेशान होकर कोई बुनकर ठेला तो कोई सब्जी तो कोई आलू प्याज बेच रहे हैं. वहीं जिनका पुश्तैनी धंधा है, वो आज तगरियां उठाकर घर चला रहे हैं. आज बुनकर कर्ज के तले दबता चला जा रहा है. इस धंधे को बचाने के लिए सरकार को प्रयास करने होंगे, जिससे बुनकरों को सीधा लाभ मिल सके.