खंडवा। इंजीनियर वैभव शर्मा के अपहरण के मामले में दोषी पाए गए सीजो चंद्रण और नारायण पवार को अब ताउम्र जेल में रहना होगा. तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश प्राची पटेल ने दोनों को आजीवन करावास की सजा दी. आरोपियों ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इंजीनियर शर्मा का अपहरण कर दस लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. छैगांवमाखन थाने में वर्ष 2013 में आरोपियों पर प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था.
9 साल बाद आया फैसला :करीब नौ साल पुराने मामले में शुक्रवार को यह फैसला आया है. शासन की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त लोक अभियोजक अभय दुबे ने बताया कि 5 दिसंबर 2013 को इंजीनियर वैभव शर्मा, निवासी आनंद नगर फोर्स मोटर कंपनी पीथमपुर के काम से बोरगांव बुजुर्ग आये थे. काम निपटाने के बाद वह इंदौर जाने के लिए छैगांवमाखन तिराहे पर थे. यहां उन्होंने इंदौर जाने के लिए अविनाश और उसके साथियों से कार में लिफ्ट ली. बदमाशों ने ये कार सावनेर (नागपुर) से चुराई थी. देर रात तक इंदौर नहीं पहुंचने पर भाई विदित शर्मा ने छैगांवमाखन पुलिस थाने में सूचना दी. 6 दिसंबर को मोघट थाने में वैभव की गुमशुदगी दर्ज की गई. इस बीच बदमाशों ने पत्नी वंदिता शर्मा के मोबाइल पर फोन कर वैभव के अपहरण की बात बताते हुए 10 लाख रुपए की मांग की. वैभव के एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के खाते में रुपए डालने के लिए कहा. इस पर परिवार ने करीब 7.50 लाख रुपए खाते में डाल दिए थे. आरोपियों ने 5.11 लाख रुपए अलग-अलग एटीएम से निकाल लिए.