MP Seat Scan Bahoriband: बहोरीबंद क्षेत्र को विकास की दरकार, कभी कांग्रेस तो कभी होता है बीजेपी का राज, जानिए क्या है समीकरण - एमपी सीट स्कैन बहोरीबंद
ध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियां पूरी तरह सक्रिय नजर आ रही है. इस चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्य प्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे कटनी जिले की बहोरीबंद विधानसभा सीट के बारे में. इस सीट पर इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन वर्तमान विधायक यहां पर बीजेपी से है.
कटनी।एमपी के कटनी जिले के बहोरीबंद विधानसभा की बात की जाए तो इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. 20 साल तक कांग्रेस से विधायक रहे निशित पटेल और उनके पिता पूर्व मंत्री श्रवण पटेल का कार्यकाल रहा है. वहीं अगर विकास की बात करें तो यह एकमात्र ऐसी विधानसभा है. जहां रोजगार के अच्छे आयाम नहीं देखे जाते हैं. इस विधानसभा में कोई भी बड़ा-छोटा उद्योग नहीं है. हालांकि मार्बल की बड़ी-बड़ी खदाने तो हैं, लेकिन अच्छा मार्बल ना होने के चलते यहां के अधिकांश मार्बल खदान बंद हो गए हैं. स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए पलायन तक करना पड़ा रहा है.
आपको बता दें गर्मी के दिनों में इलाके में पेयजल का भारी संकट देखने को मिलता है. पानी लाने के लिए इलाके के लोगों को काफी दूर तक जाना पड़ता है. हालांकि नर्मदा नदी का पानी नहर के माध्यम से आने की परियोजना चल रही है. नहर का काम पूरा होने के बाद कुछ हद तक समस्या कम हो सकेगी.
बहोरीबंद सीट के मतदाता
बहोरीबंद सीट का सियासी समीकरण: 2008 में हुए विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो यहां कांग्रेस की ओर से निशित पटेल और बीजेपी की ओर से प्रभात पांडे के बीच चुनाव हुआ था. जिसमें तकरीबन 3000 वोट से कांग्रेस प्रत्याशी जीतकर विधानसभा गए हुए थे. जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से प्रभात पांडे और कांग्रेस की ओर से निशित पटेल के बीच चुनाव हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी करीब 2200 वोट से हार गए. हार का कारण विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों का न होना सामने आया, क्योंकि विकास कार्य केवल कागजों तक ही सीमित है.
बहोरीबंद सीट का रिपोर्ट कार्ड
उपचुनाव में कांग्रेस ने छीनी सीट: बहोरीबंद में विधायक प्रभात पांडेय का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनका निधन हो गया. फिर साल 2014 में इस सीट में उपचुनाव हुए. प्रभात पांडेय के बेटे प्रणय पांडे को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया. कांग्रेस की ओर से बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल सौरभ सिंह को प्रत्याशी बनाया. जहां चुनावी परिणाम में कांग्रेस के सौरभ सिंह ने 3500 वोटों से बीजेपी प्रत्याशी को हराया. ये सीट बीजेपी के पाले से कांग्रेस के पाले में चली गई, क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी सौरभ सिंह इलाके में एक मिलनसार नेता के रूप में अपनी छवि रखते है.
साल 2018 में बीजेपी ने हासिल की जीत: वहीं साल 2018 के चुनाव में फिर कांग्रेस की ओर से सौरभ सिंह और बीजेपी की ओर से प्रणय पांडेय को टिकट मिली. इस बार जनता ने अपना मत बीजेपी प्रत्याशी दिया. लिहाजा प्रणय पांडेय 15 हजार वोट से जीत हासिल कर विधायक बने.
ये हैं दावेदार:वहीं अगर इस बार के चुनाव में दावेदारों की बात करें तो बीजेपी की ओर से वर्तमान विधायक प्रणय पाडेय, दिलीप दुबे, शकर महतो प्रबल दावेदारों में शामिल हैं. जबकि कांग्रेस की ओर से कांग्रेस की ओर से सौरभ सिंह, निशित पटेल, दिव्य पटेल शामिल हैं. बहोरीबंद विधानसभा की बात की जाए तो इस इलाके में किसी एक पार्टी का वर्चस्व हमेशा कायम नहीं रहा है. इस विधानसभा में वही प्रत्याशी जीत कर सामने आया है. जो जनता के हित के लिए कार्य किया हो चाहे वह उपचुनाव की बात हो चाहे आम विधानसभा चुनाव की ही क्यों न हो..