कटनी। बड़वारा तहसील में संचालित कोयला प्लांट और क्रेशर खदानों से उड़ने वाली डस्ट के चलते गांवों के किसानों को उनकी उपजाऊ कृषि भूमि के बंजर होने की चिंता सता रही है. जिसे किसानों ने अपना खून पसीना बहाकर उपजाऊ बनाया था.
बड़वारा रेलवे स्टेशन के पास रुपौध सहित आसपास के गांव में इन दिनों धान की कटाई की जा रही है. लेकिन लागत के अनुसार किसानों को खेती में लगातार घाटा लग रहा है. जिसका कारण यहां संचालित कोयला व क्रेशर प्लांट से निकलने वाली महीन डस्ट है.
बंजर होने के कगार पर पहुंची किसानों की जमीन
यहां तक की डस्ट से सिर्फ किसानों के खेत बंजर ही नहीं बल्कि क्षेत्र के लोगों को बीमार भी कर रही है. जबकि किसानों ने इसकी शिकायत भी की लेकिन नतीजा सिफर रहा. क्षेत्र की महिला कृषक जानकी चौहान ने बताया कि डस्ट के कारण लोग बीमार हो रहे हैं. वहीं उनकी धान की फसल पर आधे हिस्से में बारीक धूल और कोयले की डस्ट जमी हुई है. किसानों ने शासन प्रशासन से कई बार शिकायत की. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर यही हाल रहा तो क्षेत्र के ज्यादातर किसानों को खेती करना बंद करना पड़ेगा. उनकी उपजाऊ भूमि इस डस्ट से बंजर होने की कगार पर पहुंच चुकी है.
बच्चे भी हो रहे बीमार
बड़वारा से रूपा नवा बछवारा मार्ग से गुजरने वाले हाईवा और कोयला लोड ट्रकों का दिन-रात आवागमन होता है. इसी मार्ग से स्कूली बच्चों का आवागमन भी होता है. जिनकी यूनिफॉर्म डस्ट के कारण खराब होती है. इसके साथ ही सड़क में गड्ढों के कारण आए दिन स्कूली छात्र दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.
वही एक प्राथमिक स्कूल भी संचालित है, यहां पढ़ने वाले बच्चे क्लास के अंदर डस्ट आने के कारण परेशान होते हैं. वे आए दिन बीमार भी हो रहे हैं.लेकिन इसके बाद भी शासन द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. आलम यह है कि नियमों को ताक पर रखकर क्रेशर खदानों और कोयला प्लांट संचालक धड़ल्ले से काम कर रहे हैं.