झाबुआ। सरकार का उद्देश्य देश के हर एक नागरिक को कोरोना का टीका लगाना है. वैक्सीनेशन को लेकर अब लोगों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. झाबुआ में इसके लिए जैन, राजपूत और दोउदी बोहरा समाज ने रजामंदी के आधार पर कैंप लगाए. इस दौरान कैंप में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का टीकाकरण किया गया. हालांकि जितनी तेजी से टीकाकरण हुआ, उतनी ही तेजी से वैक्सीन भी खत्म होने लगी है. जिले में पिछले 105 दिनों में 62 हजार 143 लोगों का ही वैक्सीनेशन हो पाया है. जबकि वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या काफी ज्यादा है.
टीके की कमी के चलते वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी मस्जिद में हुआ टीकाकारण
सामाजिक स्तर पर टीकाकरण की शुरूआत दोउदी बोहरा समाज ने झाबुआ में शुरू की. बोहरा समाज की आजाद चेक पर बनी मस्जिद में समाज की तरफ से टीकाकरण कैंप आयोजित किया गया. जिसमें समाज के वह पात्र लोग जो अस्पताल में भीड़ के कारण टीकाकरण नहीं करवा पाए थे, उन्हें टीका लगाया गया.
झाबुआ में सामाजिक स्तर पर वैक्सीनेशन निजी गार्डन में राजपूत समाज ने लगवाया कैंप
गुरूवार को राजपूत समाज के सैकड़ों लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई. शहर के दूसरे समाज और समुदाय भी सामूहिक रूप से टीकाकरण कराने की योजना बना रहे हैं. इस तरह के सामाजिक टीकाकरण से ना सिर्फ किसी समाज के लोगों का टीकाकरण होगा, बल्कि लोगों में जागरूकता भी आएगी. कैंप लगाकर लोगों की शंकाएं भी दूर की जा रही हैं.
मांग के अनुसार कम उपलब्धता
झाबुआ में 16 जनवरी से कोरोना सुरक्षा टीकाकरण किया जा रहा है. लेकिन अभी तक महज 62 हजार 143 लोगों को ही पूरे जिले में टीका लग पाया है. जिनमें से दोनों डोज लेने वाले लोगों की संख्या महज 12 हजार 203 ही है. टीकाकारण को लेकर लोगों में जितनी जागरूकता लाई जा रही है, उतनी ही लोगों की भीड़ भी बढ़ रही है. ऐसे में टीककरण केंद्र में परेशानी उठने लगी है. मांग के अनुसार उपलब्धता ना होने के कारण कई लोगों को टीका नहीं मिल पा रहा है. जिले में एक दिन में महज 900 लोगों को ही टीका लगाने की व्यवस्था है. जिसमें से 670 टीके 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगाया जाना है.
एक मई से 18-45 साल की कैटेगरी में आने वालों का टीकाकरण मुश्किल, कई राज्यों ने खड़े किए हाथ
ऐसे कैसे होगा टीकाकरण ?
1 मई से देश के कई राज्यों में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों क टीकाकरण शुरू होना था. इसके लिए लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया था. लेकिन राज्य सरकार ने वैक्सीन की कमी के चलते फिलहाल इसे टाल दिया है. इधर झाबुआ में पेटलावाद, थांदला और झाबुआ केन्द्र पर महज 230 लोगों के लिए ही टीका लगाने की व्यवस्था रहेगी. ऐसे में 10 लाख 24 हजार की आबादी वाले जिले में पूरी तरह से वैक्सीनेशन में काफी समय लग जाएगा. इस गति से एक साल में महज 10 से 15 फीसदी लोगों का ही टीकाकरण हो पाएगा.