झाबुआ। जिले के सुदूर अंचल में बसा पीपल खूंटा धाम भक्ति और आस्था के लिए पूरे क्षेत्र में जाना जाता है. यहां दिवंगत महंत जमुना दास जी महाराज (लड़की वाले बाबा) ने कठोर तपस्या की थी और जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए कई काम किए थे. तब से ही इस भूमि को तपोभूमि कहा जाता है और यहां सालों से गुरु पूर्णिमा का महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. लेकिन इस साल 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर होने वाला बड़ा आयोजन कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को देखते हुए निरस्त कर दिया गया है.
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पीपल खूंटा हनुमंत आश्रम से राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र के श्रद्धालुओं का भी खासा जुड़ाव है. यहां होने वाले सभी बड़े धार्मिक आयोजनों में हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं. वहीं गुरु पूर्णिमा के अवसर पर होने वाले बहुत बड़े आयोजन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.