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झाबुआ का 'योग परिवार', बेटी गरिमा जायसवाल बनेंगी जिले की पहली योग गुरू

झाबुआ में जायसवाल परिवार बीते 15 सालों से योग और योग शिक्षा से जुड़कर आम लोगों तक योग को पहुंचाने का काम कर रहा है. जिससे इनके परिवार को योग परिवार के नाम से जाना जाता है. ये परिवार अपनी योग शिक्षा का प्रचार प्रसार कर लोगों को योग के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

garima are making people aware of yoga in jhabua
योग का प्रचार-प्रसार

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Published : Jun 19, 2020, 1:53 PM IST

झाबुआ।कहते हैं 'योग भगाए रोग' कुछ इसी को चरितार्थ करते हुए झाबुआ में जायसवाल परिवार बीते 15 सालों से योग और योग शिक्षा से जुड़कर आम लोगों तक योग को पहुंचाने का काम कर रहे हैं. वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने में योग की महत्वता किसी से छुपी नहीं है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग की महत्ता को जानते हुए योग करते हैं और देशवासियों से अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करने का आह्वान भी कर चुके हैं. झाबुआ के विनोद जायसवाल और उनका परिवार शहर में योग परिवार के नाम से जाना जाता है.

योग का प्रचार-प्रसार

योग परिवार

जायसवाल की बेटी गरिमा जायसवाल झाबुआ-अलीराजपुर जिले की पहली प्रशिक्षित योगाचार्य यानी योग गुरू बनने वाली हैं और उनके बेटे पियूष भी योग की शिक्षा ले रहे हैं, जिसके चलते इस परिवार को योग परिवार के नाम से भी जाना जाता है.

झाबुआ जिले की पहली योग गुरू

विनोद जायसवाल अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार से जुड़े होने के साथ-साथ जिले की शैक्षणिक और सामाजिक संस्थाओं में योग सिखाने का काम भी करते हैं. जायसवाल की बेटी को झाबुआ जिले की पहली योग गुरू भी कहा जाता है. उनकी बेटी गरिमा जायसवाल एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी उत्तराखंड से योग में पीएचडी कर रही हैं. गरिमा को उनकी प्रतिभा के चलते जिले और प्रदेश की कई संस्थाओं ने सम्मानित भी किया है.

गरिमा वीडियो के जरिए लोगों को सिखा रही हैं योग

इन दिनों कोरोना के चलते गरिमा झाबुआ में रूकी हुई हैं. गरिमा अपने खाली वक्त में सोशल नेटवर्किंग साइट और डिजिटल साइट्स के माध्यम से लोगों को योग सिखा रही हैं. गरिमा का मानना है कि योग करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, साथ ही इससे इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है. गरिमा कई कोरोना पॉजिटिव पीड़ित मरीजों को ऑनलाइन योग की विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से ठीक करने का पुनीत काम भी कर रही हैं. विश्व योग दिवस के अवसर पर गरिमा ने कई संस्थाओं को योग की विभिन्न क्रियाओं के वीडियो बना कर दिए हैं, जिससे लोग योग का अभ्यास कर सकें.

जिले में योग का प्रचार-प्रसार

झाबुआ में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर किसी भी प्रकार का सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा रहा, जिसके चलते झाबुआ के इस योग परिवार ने ऑनलाइन योग के आसन देख कर लोगों से घरों में रहकर योग करने की सलाह दी है. योग में पीएचडी कर रही गरिमा ने बताया कि आयुष विभाग के निर्देशानुसार वह भी अपने जिले में योग के प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रही हैं, ताकि कोरोना के साथ-साथ अन्य संक्रमण से भी लड़ा जा सके. गरिमा पिछले 15 सालों से योग कर रही हैं. 9 सालों से अपने घर से दूर उत्तराखंड में योग की पढ़ाई कर रही हैं. गरिमा ने योग के कई अनछुए पहलुओं को ईटीवी भारत से साझा किया है.

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