झाबुआ।जिले के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में इन दिनों सरकार निवेश बढ़ाने के लिए मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करने में लगी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर में आयोजित 'मैग्नीफिसेंट एमपी' में निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया था, जिसके बाद लगातार औद्योगिक क्षेत्रों में विकास की रफ्तार के साथ औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना के लिए जरूरी अनुमति और जमीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में तेजी आई है.
औद्योगिक क्षेत्रों में हो रहा है सुविधाओं का विस्तार औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर की स्थापना
1984 में भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर की स्थापना की थी. उनके निधन के बाद इस औद्योगिक क्षेत्र का विकास उस गति से नहीं हो पाया, जितनी गति से इसी के साथ स्थापित हुए पीथमपुर का डेवलपमेंट हुआ. प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने औद्योगिक निवेश लाने के लिए देश के बड़े घरानों को एमपी में आमंत्रित किया था, इसने उद्योग क्षेत्रों में जरूरी मूलभूत सुविधाओं की कमी को भी पूरा किया है.
सरकार कर रही निरंतर कोशिश
223 हेक्टेयर में फैले मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में 150 से अधिक भूखंड कारखानों के लिए आवंटित किए हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 70 ईकाईयां ही चल रही हैं. ऐसे में सरकार औद्योगिक ईकाईयों की संख्या बढ़ाने के लिए निरंतर कोशिश करती नजर आ रही है.
औद्योगिक विकास केंद्र निगम के जरिए हो रहा विस्तार
औद्योगिक विकास केंद्र निगम के माध्यम से मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में 15 किलोमीटर लंबी-चौड़ी डामरीकरण सड़क, 17 किलोमीटर लंबा ड्रेनेज सिस्टम, डिवाइडर पर स्ट्रेट लाइट लगाए गए हैं. कल-कारखानों को पानी उपलब्ध कराने के लिए अनास नदी पर बैराज की हाइट बढ़ाने के साथ ही नदी से फिल्टर प्लांट तक नवीन डीआई पाइप लाइन बिछाई गई है. इससे पानी के वेस्टेज को भी रोका जा रहा है.
औद्योगिक जल प्रदूषण को रोकने के लिए 12 करोड़ रुपए की लागत से सीईपीटी (कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट) लगाया जाना प्रस्तावित है. इससे केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी का ट्रीटमेंट किया जा सकेगा. सरकार द्वारा लगातार औद्योगिक क्षेत्र में किए जा रहे विकास कामों को देखते हुए आने वाले दिनों में औद्योगिक निवेश बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.