झाबुआ। जिले में एक पखवाड़े बाद मंगलवार शाम एसडीएम दल-बल के साथ एक बार फिर से सड़कों पर दिखाई दिए. प्रदेश सरकार से मिले निर्देश के बाद जिले को माफिया मुक्त बनाने के लिए प्रशासन सरकारी जमीनों को कब्जे धारियों से मुक्त कराता दिखाई दे रहा है, लेकिन कई स्थानों पर प्रशासन कि भेदभाव पूर्ण कार्रवाई भी सामने आने लगी है.
अतिक्रमण के नाम पर बीजेपी नेता की चार दुकान तोड़ी, प्रदेश सरकार को बताया तानाशाह
झाबुआ में बीजेपी नेता ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता ओम शर्मा ने इस पूरी कार्रवाई को तानाशाही कार्रवाई बताते हुए सरकार और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
कुछ दिन पहले झाबुआ एसडीएम डॉ अभयसिंह खरारी एनजीटी का हवाला देकर गोविंद नगर में 4 मंजिला इमारत गिराने पहुंचे थे. बिल्डिंग में किराएदार होने के चलते उन्हें 7 दिन का समय दिया गया था, लेकिन समय बीत जाने के बावजूद भी बिल्डिंग को अभी तक नहीं गिराया गया. बताया जा रहा की बिल्डिंग कांग्रेस नेता के किसी करीबी रिश्तेदार की है. लिहाज़ा उसे अभयदान दे दिया गया. मंगलवार देर शाम बीजेपी नेता ओम शर्मा के मा त्रिपूरा नर्सिंग कॉलेज के बाहर बनी कैंटीन की 4 दुकानों को अतिक्रमण मानते हुए जेसीबी की मदद से तोड़ द गया.
बीजेपी नेता ओम शर्मा ने इस पूरी कार्रवाई को तानाशाही कार्रवाई बताते हुए सरकार और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन कांतिलाल भूरिया के इशारे पर काम कर रहा है. जबकि भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत का अस्पताल सड़क किनारे चल रहा है जिस पर प्रशासन मेहरबान है.