जबलपुर।नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (fake Remediesvir Injection) के मामले में एसआईटी ने पिछले दिनों सिटी अस्पताल के मालीक सबरजीत सिंह मोखा को गिरफ्तार किया था. एसआईटी ने पुछताछ के बाद इस मामले में सोनिया खत्री, सबरजीत के बेटे हरकरण और पत्नी जसमीत के खिलाफ मामला दर्ज किया था. एसआईटी ने सबरजीत के बाद सबरजीत की पत्नी जसमित को गिरफ्तार किया था. इसी कड़ी में एसआईटी ने कार्रवाई करते हुए सोनिया खत्री को गिरफ्तार किया है.
- सोनिया खत्री को किया गिरफ्तार
एसआईटी अभी इस बात की जांच कर रही है कि आखिर नकली इंजेक्शन किसे लगाए गए और यदि इंजेक्शन बच गए थे, इस सिलसिले में पुलिस ने सोनिया खत्री को गिरफ्तार किया है. सोनिया खत्री सरबजीत सिंह मोखा की निजी सहायक है और सिटी अस्पताल मैं सोनिया खत्री का बोलबाला रहता था. सरबजीत सिंह ने सोनिया खत्री को निजी सुविधाएं भी दी थी. एसआईटी ने 17 मई को सोनिया खत्री को बयान के लिए बुलाया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. सोनिया खत्री पर आरोप है कि उसने नकली इंजेक्शन नष्ट करने में मदद की है. इस मामले में अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजन चश्मदीद गवाह भी हैं.
- सबरजीत की पत्नी गिरफ्तार बेटा फरार
ऐसा माना जा रहा है कि इस पूरे नकली इंजेक्शन के कारोबार का मास्टरमाइंड हरकरण है. हरकरण सरबजीत सिंह का बेटा है और एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि हरकरण ने ही गुजरात और इंदौर में नकली इंजेक्शन के लिए बात की थी. जबलपुर की भगवती फार्मा के सपन जैन से भी हरकरण ने ही नकली इंजेक्शन का सौदा किया था. जब इसका भंडाफोड़ हुआ, तो सरबजीत सिंह की पत्नी जसमीत और लड़के हरकरण ने ही नकली इंजेक्शन नष्ट किए. जसमीत कौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन हरकरण अभी भी फरार है.
नकली रेमडेसिविर मामले का मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह मोखा गिरफ्तार
- आखिर कहां नष्ट हुए नकली इंजेक्शन?