मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

फुटपाथ और साइकिल ट्रैक के लिए पेड़ों की बलि क्यों? हाईकोर्ट में 30 जून को सुनवाई

jabalpur के डुमना विमानतल रोड चौड़ीकरण (airport development) और अन्य विकास कार्यो के लिए हरे-भरे जंगल को काटे जाने को लेकर हाईकोर्ट(HC) में चुनौती दी गई. जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने हाईकोर्ट में गठित कमेटी को अपनी रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में सड़के के किनारे साइकिल ट्रक और फुटपाथ के लिए के पेड़ नहीं काटने को कहा गया है.

By

Published : Jun 17, 2021, 8:00 AM IST

Updated : Jun 17, 2021, 8:06 AM IST

jabalpur hc
जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर(jabalpur)। जिले के डुमना विमानतल रोड चौड़ीकरण (airport development) और अन्य विकास कार्यो के लिए हरे-भरे जंगल को काटे जाने को लेकर हाईकोर्ट(HC) में चुनौती दी गई है.याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने हाईकोर्ट में गठित कमेटी को अपनी रिपोर्ट पेश की है.कमेटी ने पेश रिपोर्ट में कहा की सड़के के किनारे साइकिल ट्रक और फुटपाथ के लिए के पेड़ जरुरी नहीं है. मामले में अगली सुनवाई 30 जून को की जाएगी.

रोड चौड़ीकरण के लिए पेड़ काटने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका

डुमना विमानतल रोड चैड़ीकरण और अन्य विकास कार्यो के लिए हरे-भरे जंगल को काटे जाने को लेकर चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी.याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष हाईकोर्ट में गठित कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी. कमेटी ने पेश रिपोर्ट में कहा कि सड़क किनारे साइकिल ट्रैक और फुटपाथ के लिए पेड़ काटने की जरुरत नहीं है. याचिका पर अगली सुनवाई 30 जून को को जाएगी.

केंद्र की बिना परमिशन के काटे गए पेड़


गढ़ा गंगा नगर कालोनी निवासी निकिता खम्परिया की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि डुमना के हरे-भरे जंगल को केन्द्र सरकार की बिना परमिशन के काटा जा रहा है जो की अवैधानिक है. मास्टर प्लान के तहत सड़क चौड़ीकरण और अन्य विकास कार्यो के नाम पर शहरी जंगल को काटा जा रहा है. इसके लिए नगर निगम की अनुमति की बात कही जा रही है. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश की गयी अंडरटेकिंग में कहा गया था कि हरे-भरे पेड़ों को नहीं काटा जाये बल्कि उन्हें संरक्षित किया जायेगा. युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अधिवक्ता अंशुमान सिंह को कोर्ट मित्र नियुक्त करते हुए निरीक्षण के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. जिसमें कोर्ट के अलावा वन विभाग, बागवानी विभाग और नगर निगम के प्रतिनिधि रहेंगे. कमेटी स्थल का निरीक्षण कर कितने पेड़ काटे गये है और कितने काटे जाने है इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करेगी. इसके अलावा पेड़ों की प्रजाति और आयु के संबंध में भी रिपोर्ट तैयार करेगी. युगलपीठ ने अनावेदकों को निर्देशित किया है मिट्टी की रिपोर्ट के आधार पर कम समय में कौन सी प्रजाति के पेड़ जल्द बढ़ सकते है इसकी जानकारी देने होगी.

15 फुट चौड़ाई होना जरुरी है

एक्सपर्ट कमेटी की तरफ से अपनी रिपोर्ट में कहा गया था. रोड की चौड़ाई 15 फुट रखना जरुरी है. इसके लिए संबंधित कम्पनी 20 हजार पौधों का रोपण और आठ सालों तक उनकी देखभाल करेगी. साइकिल ट्रैक और फुटपाथ के लिए 27 मीटर तक पेड़ों को काटने की जरुरत नहीं है.याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रेयश पंडित पैरवी ने की.

Last Updated : Jun 17, 2021, 8:06 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details