जबलपुर। जिले में एक तरफ कोरोना संकट तो दूसरी ओर भीषण गर्मी ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है. दो दिन पहले रमनगरा फिल्टर प्लांट की पाइप लाइन टूटने के बाद आधे शहर को पानी के लिए तरसा दिया है. आलम यह है कि लोग पानी के लिए दूसरे क्षेत्रों और नर्मदा नदी तक जाने को मजबूर हैं. जलसंकट से निजात पाने के लिए रानीताल पुरवा बस्ती के निवासी ऑटो में ड्रम रखकर ग्वारीघाट तक का सफर कर रहे हैं. जब पानी भरकर लाते हैं तब जाकर उनके घर में खाना बनता है.
पाइप लाइन जोड़ने में जुटा नगर निगम, पानी को तरस रहे शहरवासी
जबलपुर जिले में पानी की पाइप लाइन टूटने के बाद शहरवासियों को पानी नही मिलने से बुरा हाल है. लोगों को ग्वारीघाट और नर्मदा से पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ रही है. पानी का टैंकर आने से भी लोगों की पानी की जरूरत पूरी नही हो पाती है, जिससे शहरवासियों का बुरा है.
जिला प्रशासन और नगर निगम भी बस्तियों की इस परेशानी को जानते हुए पीठ करके बैठा है. ग्वारीघाट में पानी लेने के लिए पहुंचे राजकुमार और प्रभात ने बताया कि क्षेत्र में करीब 10 हजार लोगों की आबादी रहती है. दो दिनों से पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. लेकिन अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं. एरिया में एक बोरिंग थी, जिसे बहुत पहले बंद कर दिया गया और टैंकर से पानी भेजा जाता है. दो दिन में एक टैंकर पानी भेजने के बाद लोग आपस में लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी परेशानी दूर नही हो रही है.
नगर निगम पानी की पाइप लाइन सुधारने में जुटा है. स्थानीय युवा नेता विष्णु विनोदिया ने नगर निगम इंजीनियरिंग पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह पाइप लाइन हर साल फूटती है, जिसमें सुधार के बाद दावा किया जाता है कि अब परेशानी नही होगी, फिर भी स्थिति जस की तस है. नगर निगम इंजीनियर 20 साल से काम कर रहे हैं, फिर भी मामले को गंभीरता से नही लेते हैं.