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एक साल से वीरान पड़ा 'ठाकुर ताल', क्यों डरते हैं यहां आने से लोग, जानिए वजह ! - तेंदुए की दहशत

बीते 1 साल से तेंदुए की दहशत ने ठाकुर ताल को वीरान कर दिया है. आलम ये है कि, इतनी खूबसूरत जगह होने के बावजूद भी लोग तेंदुए के डर से यहां नहीं आते हैं.

presence of leopard
तेंदुए की दहशत

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Published : Dec 12, 2020, 1:20 PM IST

जबलपुर। शहर के नया गांव की पहाड़ियों पर तेंदुए की दहशत ने बीते 1 साल से ठाकुर ताल को वीरान कर दिया है. अब यहां कोई भी आता-जाता नहीं है. पिछले साल इसी समय नयागांव सोसाइटी में एक तेंदुआ नजर आया था. एक स्थाई निवासी ने तेंदुए का वीडियो भी बनाया था, जिसके बाद वन विभाग द्वारा पुष्टि की गई, कि इस इलाके में तेंदुए की आवाजाही है. इसलिए वन विभाग ने इस क्षेत्र में कई जगह पिंजरे रखे. और तेंदुए को पकड़ने की कोशिश भी की, लेकिन तेंदुआ नहीं फंसा.

तेंदुए की दहशत
  • बर्बाद हो गया ठाकुर ताल !

नयागांव से ठाकुर ताल तक जाने के लिए पहाड़ पर एक बेहद खूबसूरत रास्ता है, जिसमें लगभग 10 मिनट की ड्राइव के बाद पहुंचा जा सकता है. ठाकुर ताल पहाड़ पर बना हुआ. यहां एक प्राकृतिक तालाब है, जो बहुत आकर्षित है. यहां चंदन के वृक्ष पाए जाते हैं. चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है. इसके अलावा यहां पर एक झील भी है, लेकिन इन सब के बाद भी अब यहां कोई नहीं आता नहीं है, क्योंकि बीते 1 साल से लगातार इस इलाके में तेंदुए के होने की चर्चा बनी हुई है.

  • निष्क्रिय है वन विभाग ?

नयागांव सोसायटी के अध्यक्ष रजत भार्गव का कहना है कि, शहर के बीच का एक खूबसूरत स्थल तेंदुए की वजह से बर्बाद हो गया है. वन विभाग भी सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है.उन्होंने कहा कि, नयागांव की पहाड़ियां शहर की लाइफ लाइन है. यहीं से साफ और शुद्ध हवा मिलती है, क्योंकि इस पूरे क्षेत्र में लगभग 900 एकड़ जमीन में घना जंगल है, पर तेंदुए की वजह से लोग इस जंगल में घूम नहीं पा रहे हैं.

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