जबलपुर। प्रदेश के वन क्षेत्रों और नेशनल पार्कों में आग लगने की घटनाओं को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है.ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट की युगलपीठ ने जवाब पेश करने के लिए अनावेदकों को अंतिम अवसर दिया है.
स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग:प्रदेश के बांधवगढ़,शहडोल सहित अन्य वन्य क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं के मामले में स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस को पत्र लिखा गया था. तत्कालीन चीफ जस्टिस ने पत्र की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किये थे. इसके अलावा रेड लिंगक्स कॉन्फेडरेशन की तरफ से भी इस संबंध में याचिका दायर की गयी थी.
किसने लिखा था पत्र: लॉ स्टूडेंट मनन अग्रवाल की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया था कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क,शहडोल,उमरिया सहित अन्य वन्य क्षेत्र में आग की घटनाएं हुईं थी. आग में वन क्षेत्र का घना जंगल जलकर खाक हो गया था. बडी संख्या में वन्य प्राणी तथा पक्षियों की भी आग के कारण मौत हो गयी थी. पर्यावरण और वन्य प्राणियों की दृष्टि से प्राकृतिक रूप से घने जंगल का विशेष महत्व रहता है. वन क्षेत्रों में लापरवाही के कारण यदि अग्नि घटनाएं हो रही हैं तो इनकी स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए.