जबलपुर।उच्च अध्ययन के लिए अवकाश प्रदान नहीं किये जाने के खिलाफ महिला डॉक्टर द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पाल की एकलपीठ ने पाया कि महिला डॉक्टर को अध्ययन की अनुमति देने के कारण संस्थान की मान्यता खतरे में पड़ सकती है. एकलपीठ ने विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए याचिका को सुनवाई के आयोग्य पाते हुए खारिज कर दिया.
केवल एग्जाम की अनुमति :बिरसा मंडा सरकारी मेडिकल कॉलेज में फिजियोलॉजी डिमास्ट्रेटर के पद पर तैनात डॉ.शीलत सोनी की तरफ से उक्त याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि उन्होने एनईईटी पीजी के एग्जाम में शामिल होने विभागीय स्तर पर अनुमति मांगी थी. विभाग में एग्जाम में शामिल होने की अनुमति प्रदान की थी परंतु दाखिले की अनुमति प्रदान नहीं की थी. चयनित होने के बाद उन्होंने नियम अनुसार उच्च अध्ययन अवकाश के लिए आवेदन पेश किया, जिसे विभागीय स्तर पर अस्वीकार कर दिया गया.