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MP High Court News: युगलपीठ ने आदेशों का पालन न करने पर नोटिस जारी किया - युगलपीठ ने आदेश पालन न करने पर नोटिस जारी किया

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की युगलपीठ ने नगर निगम और बरेला मुख्य कार्यपालन अधिकारी के खिलाफ नोटिस जारी कर उनसे दो सप्ताह में जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश रवि विजय मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की पीठ ने आदेशों का पालन न किए जाने पर यह नोटिस जारी किया है. अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 80 फीट चौड़ी रोड पर अतिक्रमण को साफ करने संबंधी आदेश पारित किए थे.

MP High Court News
युगलपीठ ने आदेशों का पालन न करने पर नोटिस जारी किया

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Published : Jan 17, 2023, 10:33 PM IST

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने पेंटीनाका-बरेला मार्ग की चौड़ाई को लेकर दायर अवमानना मामले को सख्ती से लिया. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने बरेला की 80 फीट चौड़ी रोड से अतिक्रमण हटाने संबंधी आदेश का पालन न होने पर नगर निगम आयुक्त व बरेला मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शपथपत्र पर दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है.

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आरके सिंह ने दायर की थी याचिकाःयह अवमानना याचिका मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के वाइस चेयरमैन व जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी की ओर से दायर की गई है. आवेदक की ओर से न्यायालय को बताया गया कि सन् 2006 से अतिक्रमण के खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रस्तुत की गई थी. जिसमें न्यायालय द्वारा अनेकों बार रोड पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने के आदेश पारित किए गए. बावजूद इसके दिन प्रतिदिन अतिक्रमण में बढ़ोतरी होती गई. नगर निगम द्वारा उक्त अतिक्रमण को हटाने कि कोई भी वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई. जिसके खिलाफ यह अवमानना याचिका न्यायालय में दायर की गई है. आवेदक की ओर से कहा गया कि उक्त रोड पर 80 फीट चौड़ी होनी थी. इसके साथ ही फुटपाथ भी बनना था. दुकानदारों द्वारा रोड पर ही दुकान लगा ली जाती है.

गाड़ियों से लगता है रोड पर जामः आवेदक ने कहा कि जिसके कारण रोड से निकलने वाले लोग उसी रोड पर गाड़ी खड़ी कर सब्जी, फल, गुटखा-पान आदि सब खरीदते है. जिससे आवागमन अत्यधिक प्रभावित होता है और ट्राफिक समस्या बढ़ जाती है. इतना ही नहीं उक्त अतिक्रमण से होने वाली गंदगी भी उसी रोड के किनारे डाल दी जाती है. जिससे दिन-प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. जिस पर न्यायालय ने वर्ष 2021 में नगर निगम आयुक्त और बरेला सीएमओ को आदेशित किया था कि अतिक्रमण को हटाकर रोड को आवागमन हेतु खाली कराया जाए, परंतु आज दिनांक तक अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही नहीं की गई. सुनवाई पश्चात न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता एवं रमाकांत अवस्थी ने पैरवी की.

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