MP Chunav 2023: BJP सनातन और राम को फिर बना रही मुद्दा, महंगाई व बेरोजगारी जैसी समस्या पर चर्चा से किया परहेज - रविशंकर प्रसाद जबलपुर में
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर राम मंदिर के साथ ही सनातन के मुद्दे पर जोर देने लगी है. महंगाई व बेरेजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा करने से बीजेपी नेता बच रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जबलपुर में शिवराज सरकार द्वारा आदि शंकराचार्य की मूर्ति लगवाने के साथ ही महाकाल कॉरिडोर को बड़ी उपलब्धि करार दिया. लेकिन जनता के असली मुद्दों पर बात करने से वह बचते रहे. वहीं विपक्षी दल कांग्रेस महंगाई व बेरोजगारी के मुद्दे पर आक्रामक दिख रही है.
जबलपुर।भारतीय जनता पार्टी के नेता रविशंकर प्रसाद ने सरकार की उपलब्धियां गिनवाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश विकास कर रहा है. उन्हें प्रति व्यक्ति आय बतानी थी लेकिन बताते बताते वह रुक गए. इसके बाद उन्होंने जबलपुर की सड़कों और रेलवे स्टेशन के विकास का जिक्र किया. रविशंकर प्रसाद विकास के मामले में आदि शंकराचार्य की मूर्ति और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर तक पहुंच गए. उन्होंने शिवराज सरकार की उपलब्धियां को गिनवाते हुए कहा कि हमने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से विकासशील राज्य बनाया है.
एमपी की आर्थिक स्थिति पर बात नहीं :वहीं, रवि शंकर प्रसाद मध्य प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय के बारे में जानकारी नहीं दे पाए लेकिन सरकार की ही वित्त विभाग की जानकारी के अनुसार 2022 और 23 के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 148000 रुपया प्रतिवर्ष हो गई है. लेकिन भारत के दूसरे राज्यों के मुकाबले आज भी मध्य प्रदेश भारत के कुल 32 राज्यों में 23वें स्थान पर है. हालांकि इसका कतई यह मतलब नहीं है की इतना पैसा हर आदमी के हिस्से आ रहा है बल्कि मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के तहत एक करोड़ 40 लाख महिलाओं ने लाडली बहन योजना का फॉर्म भरा था. मतलब इतनी महिलाएं दिन के ₹40 लेने के लिए सरकार के सामने हाथ फैलाए खड़ी हैं. जाहिर सी बात है यह पैसा जिन लोगों को मिल रहा है, उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है.
पानी की समस्या अभी भी बरकरार :भारतीय जनता पार्टी के जिन 8 सांसदों को टिकट दिया गया है. उनमें सतना के सांसद गणेश सिंह ने बयान दिया है कि यदि वह चुनाव जीतते हैं तो बरगी बांध की नहर का पानी सतना लाया जाएगा. बरगी बांध परियोजना 1976 में शुरू हुई थी. इस परियोजना के 50 साल पूरे होने वाले हैं लेकिन प्रदेश के कई सूखे इलाकों में इसका पानी नहीं पहुंच पाया है. सरकार के ही आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में 90% लोगों को खेती की वजह से रोटी मिलती है.
फसलों की सिंचाई बड़ी समस्या :खेती में सबसे जरूरी पानी होता है. सरकार कुछ भी दावा कर ले लेकिन आज भी मध्य प्रदेश के 50% किसान असिंचित खेती कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में लगभग 288000 हेक्टर जमीन है जिस पर खेती होती है. इसमें से लगभग 50% 155000 हेक्टेयर ही सिंचित है और इसमें भी 60% पानी ट्यूबवेल या बोरवेल से आता है. केवल 17% पानी नेहर के जरिए पहुंचाया जा रहा है. डिंडोरी मध्य प्रदेश का ऐसा जिला है जिसमें मात्र 20% सिंचाई है. 80% इलाके में केवल आसमान से गिरने वाले पानी से खेती होती है. क्या गरीबों की संख्या घटी :मध्य प्रदेश सरकार ने बीते 5 सालों में गरीबी रेखा से लगभग 25 प्रतिशत लोगों को बाहर निकाल दिया है. इस आंकड़े को देखकर लगता है कि गरीबों का जीवन स्तर सुधर गया है लेकिन बीते दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबलपुर आए थे तो उन्होंने मंच से बताया था कि दरअसल गरीबी रेखा में फर्जी लोगों के नाम जोड़े गए थे और उनके नाम गरीबी रेखा से काटे गए हैं. इस तरीके से मध्य प्रदेश में गरीबी घट गई है. इसलिए गरीबों का जीवन स्तर नहीं सुधरा है. केवल आंकड़े सुधारे गए हैं.
कांग्रेस का महंगाई को लेकर प्रदर्शन :जबलपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्याज की माला लगाकर रखी थी. उनका आरोप है कि मध्य प्रदेश में महंगाई को कम करने के लिए राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. बता दें कि बात सिर्फ प्याज के दामों की नहीं है. पेट्रोल-डीजल की महंगाई, राशन की महंगाई, बिल्डिंग मटेरियल की महंगाई को कैसे कम किया जाएगा, इस पर कांग्रेस की भी राय भी स्पष्ट नहीं है. राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से लोगों की उम्मीद होती है कि वह आम आदमी को उसके जीवन स्तर को सुधारने के लिए जरूरी बातें करेंगे. महंगाई बेरोजगारी, आर्थिक स्थिति सुधारने का कोई मंत्र देंगे लेकिन जब ये नेता भावनात्मक मुद्दों पर बात करने लगते हैं, तब आम आदमी ठगा हुआ महसूस करता है.