जबलपुर। अगर आप प्रकृति से प्रेम करते हैं, तो मध्य प्रदेश का जबलपुर शहर आपको खूब लुभाएगा. जबलपुर प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है. यहां आने के बाद पर्यटक तारीफ किए बिना नहीं रहते. इतना सब कुछ शहर में होने के बाद भी पर्यटन फायदे का सौदा नहीं बन पा रहा. क्योंकि टूरिज्म सेक्टर बेहद कमजोर है. टूरिज्म डेवलपमेंट का प्लान कागजों में ही सिमट कर रह गया है. कुछ ऐसा ही हाल शहर के पायली का है, जो शहर का मिनी स्विट्जरलैंड माना जाता है.
बरगी बांध के कैचमेंट एरिया में बसा पायली गांव जलाशय के बीच में स्थित है, जहां कई टापू बने हुए हैं. पायली को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए तो यह मध्य प्रदेश का नया पर्यटन हब भी बन सकता है. प्रकृति की गोद में बसे पायली में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. जिसे देखते हुए करीब तीन साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे खंडवा के हनुवंतिया की तर्ज पर विकसित करने की घोषणा की थी. लेकिन इस घोषणा पर अमल करने की सुध न तो जनप्रतिनिधियों ने ली और न ही नौकरशाहों ने. यही वजह है कि बरगी बांध से लगे पायली का यह इलाका आज भी बदहाल है.
हनुवंतिया और पायली में है कई समानताएं
हनुवंतिया को मध्य प्रदेश का स्विट्जरलैंड माना जाता है. हनुवंतिया और पायली के प्राकृतिक सौंदर्य की काफी समानताएं हैं. लेकिन सरकार ने हनुवंतिया का तो भरपूर विकास किया और पायली को उसके हाल पर छोड़ दिया. जिसके चलते यहां पर्यटन की सुविधाएं नदारद हैं. इलाके के लोगों से लेकर दूरदराज क्षेत्रों से पहुंचने वाले सैलानी यहां के सौंदर्य की जमकर तारीफ तो करते हैं. साथ ही सरकार की उदासीनता को भी जमकर कोसते नजर आते हैं.